यूपी के इस जिले में आठ महीने से नहर में क्यों नहीं आया पानी? 150 गांवों के 25 हजार किसान परेशान
Raebareli News | रायबरेली में धान की फसल पकने को है लेकिन बारिश न होने और नहरें सूखी होने से किसान परेशान हैं। निजी संसाधनों से सिंचाई कर रहे किसान चिंतित हैं क्योंकि 150 गांवों के 25 हजार से अधिक किसान प्रभावित हैं। सिंचाई विभाग जल्द पानी पहुंचाने का प्रयास कर रहा है लेकिन किसानों को तत्काल राहत की आवश्यकता है।

जागरण संवाददाता, रायबरेली। खेतों में धान की फसल तैयार होने वाली है। अन्नदाताओं को सिंचाई के लिए एक, दो पानी की अभी और आवश्यकता है। एक सप्ताह से बरसात न होने व पछुआ हवाओं के बीच खेतों की नमी सूख गई है।
कुछ किसान निजी संसाधनों से अधिक पैसे खर्च फसल को बचाने की जुगत में लगे हैं तो कई किसान संसाधन न होने से लाचार व बेबस नजर आ आ रहे हैं।
ऐसे में सूखी नहरों ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है। किसानों की लगातार मांग के बावजूद जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
डलमऊ पंप नहर की ऊंचाहार रजबहा के सहारे पूरे कुशुमी, कल्यानपुर, गड़रियन, कमोली, किसुनदास पुर, पूरे मालिन, फुटहा, पुरनशाहपुर, सरबहदा, मियांपुर, रामसांडा समेत 150 गांवों के करीब 25 हजार से अधिक किसान खेत में फसल तैयार करते हैं।
महिमा पुर निवासी अनिल यादव, शिवप्रसाद निर्मल, कुलदीप, चक्रधारी, कंशपाल, संतोष कुमार, रामहर्ष का कहना है कि नहर के भरोसे वह खेतों में धान, गेहूं समेत अन्य फसलें उगाते हैं। उनके पास खेतों की सिंचाई के लिए नहर के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।
इस बार खरीफ की फसल में नहर ने पूरी तरह धोखा दे दिया है। गनीमत रही कि बीच-बीच में बरसात होती रही। अब धान की फसल को अंतिम सिंचाई की आवश्यकता है। सिंचाई के अभाव में आठ महीने से सूखी पड़ी नहरों के बीच उनकी फसलें सूखने लगी हैं।
यदि खेतों की जल्द ही सिंचाई न की गई तो उपज प्रभावित हो जाएगी। नहर में पानी छोड़े जाने को सिंचाई विभाग से लगातार मांग की जा रही है, लेकिन नतीजा शून्य है। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता प्रवीण कुमार पांडेय का कहना है कि प्रयास किया जा रहा है, जल्द नहर में टेल तक पानी पहुंचाया जाएगा।
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