MGNREGA Scheme: क्या है युक्त धारा एप? इससे जुड़ेगा मनरेगा तो अनियमितताओं पर लगेगा विराम
MGNREGA Scheme | MGNREGA Financial Year | रायबरेली में मनरेगा योजना में हो रहे फर्जी भुगतान को रोकने के लिए सरकार युक्त धारा एप लेकर आई है। इस एप के माध्यम से ग्राम प्रधान और सचिव की मनमानी पर रोक लगेगी और सरकारी धन का सही उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत पट्टी रहस कैथवल ग्राम पंचायत को चुना गया है।

जागरण संवाददाता, रायबरेली। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में फर्जी भुगतान और गड़बड़ी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। वित्तीय वर्ष 2015-16 व 2023-24 में ब्लाक क्षेत्र के क्षेत्र के कई गांवों में बिना काम कराए धन निकाल लिया गया था।
जहां काम कराया गया वहां स्वीकृत धन के मुकाबले एक से डेढ़ गुना अधिक भुगतान कर दिया गया। मामला तत्कालीन जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव के संज्ञान में आने पर कई अधिकारियों से वसूली के आदेश भी दिए गए थे।
इस तरह की घटनाओं में योजना की साख पर सवाल खड़े हो रहे थे। युक्त धारा एप के तहत ग्राम प्रधान और सचिव के मनमानी पर रोक लगेगी साथ ही सरकारी धन का सही उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।
ब्लाक में इस एप का परख शुरू हो चुका है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत पट्टी रहस कैथवल ग्राम पंचायत को चुना गया है। यहां मनरेगा के तहत होने वाले सभी कच्चे और पक्के कार्य इसी एप के माध्यम से संपन्न किए जा रहे हैं।
यदि परिणाम संतोषजनक रहे तो आगामी एक अप्रैल 2026 से तहसील क्षेत्र के सभी 119 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्य युक्त धारा एप के माध्यम से ही कराए जाएंगे। ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2026-27 से मनरेगा के सभी कार्य युक्त धारा पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे।
इस पोर्टल पर हर कार्य की कार्य योजना, स्थान, लागत और प्रगति का पूरा विवरण दर्ज होगा। इसकी बड़ी विशेषता यह है कि इसमें भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआइएस) आधारित योजना तैयार की जाएगी। यानी किस गांव में किस जगह कितने क्षेत्रफल में और कितनी लागत से कार्य होना है, यह पूरी जानकारी मानचित्र पर उपलब्ध रहेगी।
इससे न तो एक ही जगह दोबारा काम दिखाया जा सकेगा और न ही अतिरिक्त भुगतान की कोई संभावना रहेगी। मनरेगा योजना में लंबे समय से गड़बड़ियों की शिकायतें मिल रही थी। एक ही कार्य को नए नाम से दिखाकर भुगतान लेना, बिना काम किया मरम्मत के नाम पर धन निकालना, चक मार्ग निर्माण के नाम पर फर्जी बिल पास कराना, नाम और फर्जी फोटो अपलोड कर हाजिरी भरना आम हो गया था।
शासन की ओर से निगरानी के लिए पहले भी कई एप लाए गए, लेकिन प्रभावी नियंत्रण नहीं हो सका। अब उम्मीद है कि युक्त धारा एप से इस पर पूरी तरह अंकुश लग सकेगा। खंड विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि इसकी जानकारी सचिवों समेत रोजगार सेवकों को दी गई है।
युक्त धारा पोर्टल से योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ेगी, साथ ही गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। शुरुआत में पट्टी रहस कैथवल गांव में इसका ट्रायल शुरू किया जा रहा है।
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