Raebareli News: 14.70 लाख में से सिर्फ 9.25 लाख को मिला Ayushman Card, लाखों अब भी इलाज से वंचित
रायबरेली में आयुष्मान कार्ड बनाने की गति धीमी होने से जरूरतमंदों को इलाज में दिक्कत हो रही है। जिले में चिह्नित 14 लाख से अधिक लोगों में से केवल 9 लाख के ही कार्ड बने हैं। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण कई लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कुछ लोगों के नाम सूची से काट दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता, रायबरेली। भारत सरकार की तरफ से हर निर्धन का आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है। इसके तहत सरकारी व निजी अस्पतालों में पांच लाख का इलाज मुफ्त में मिलेगा। जिले में इसके लिए 14 लाख 70 हजार पांच सौ 62 लोग चिह्नित किए गए हैं।
पांच साल बाद अभी तक सिर्फ नौ लाख 25 हजार लोगों के ही कार्ड बन पाए हैं। कार्ड बनाने की रफ्तार धीमी होने से जरूरतमंदों को इलाज में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
शासन ने जनपद के 11 निजी अस्पतालों को आयुष्मान के तहत पंजीकृत किया गया है, जिसमें कार्ड धारकों को इलाज मिल सकेगा। पहले गरीबों को इलाज के लिए कभी-कभी जमीन संपति तक बेचनी पड़ती थी। इससे उनके सामने खाने के लाले तक पड़ जाते थे।
लोगों को राहत देने के मकसद से प्रधानमंत्री ने 2018 में आयुष्मान कार्ड की शुरूआत की। इसके तहत निर्धनों को चिन्हित कर हर जिले को सूची दी गई थी। निर्देशित किया गया कि जल्द से जल्द कार्ड बनाए जाएं, जिससे लोगों को लाभ मिलना शुरू हो जाए। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से इतना समय बीतने के बाद भी अभी तक कार्ड नहीं बन पाए हैं।
इसके चलते जरूरतमंदों को सामने गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। निराला नगर निवासी रामेश्वर का कहना है कि पत्नी का मोतियाबिंद का आपरेशन कराना था, कई बार जिला अस्पताल में बने आयुष्मान कार्यालय के चक्कर लगाए, लेकिन किसी ने सही जानकारी नहीं दी।
मजबूरी में निजी अस्पताल में आपरेशन कराना पड़ा। अटौरा निवासी शिव लोचन का कहना है कि एक्सीडेंट में पैर टूट गया था, आपरेशन होना था। जानकारी हुई कि आयुष्मान लिस्ट में मेरा नाम है। इसके बाद मेरे बेटे राकेश ने अस्पताल के आयुष्मान कार्यालय से लेकर सीएमओ कार्यालय तक कई चक्कर लगाए, लेकिन अभी तक कार्ड की सुविधा नही मिल सकी।
2 लाख 62 हजार लोगों का सूची से नाम कटा
कई कारणों से दो लाख 62 हजार लोगों के नाम आयुष्मान सूची से काट दिए गए हैं। इन लोगों का कार्ड नहीं बन पाएगा। विभाग के अनुसार नाम गलत, कई जगह नाम होना, मृतक हो जाना, विस्थापित हो गए, आधार कार्ड मिस मैच व इसके अतिरिक्त शादी के बाद पिता का नाम आधार कार्ड में होने से डेटा मिस मैच होने के चलते इन कारणों से कार्ड नहीं बन पाएंगे।
23 हजार बुजुर्गों के कार्ड बने
शासन ने नियम में परिवर्तन करते हुए सभी 70 वर्ष या उससे ऊपर के बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। लगभग आठ माह से बुजुर्गों के कार्ड बनाए जा रहा हैं। विभाग की सक्रियता यहां भी गायब रही, अभी तक मात्र लगभग 23 हजार बुजुर्गों के ही कार्ड बन पाए हैं।
अभियान चलाकर कार्ड बनवाए जाते हैंं। इसमें अन्य विभागों की भी सहभागिता है। बाकी बचे कार्ड भी जल्दी बना लिए जाएंगे।
डॉ. नवीन चंद्रा, सीएमओ
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