यूपी में किसानों पर बड़ा संकट! धान की फसल सूखने के कगार पर, नहरें सूखीं; कहां गया सिंचाई का पानी?
रायबरेली में नहरों में पानी न आने से किसान सिंचाई संकट से जूझ रहे हैं। धान की फसल को पानी की सख्त जरूरत है पर नहरें सूखी पड़ी हैं जिससे किसानों को लागत बढ़ने और फसल सूखने का डर है। किसानों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी है जिसके बाद एसडीएम ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, रायबरेली। नहरों में पानी न आने से किसानों के सामने फसल फसल सिंचाई का संकट खड़ा हो गया है। धान की फसल में इस समय सिंचाई की सख्त आवश्यकता है, लेकिन जिम्मेदारों को किसानों की समस्या से कोई लेना-देना नहीं है। पानी न मिलने किसानों को फसल तैयार करने में अधिक लागत लगानी पड़ रही है।
डलमऊ पंप कैनाल से निकली गंग नहर ऊंचाहार तक जाती है, जिससे डलमऊ के आसपास नहर से कुरौली दमा माइनर, लूक चांदपुर माइनर, दीनगंज माइनर, डलमऊ डिवाइ माइनर, मुरैठीमाइनर समेत अन्य माइनरें निकली है। किसान इन्हीं माइनरों से फसलों की सिंचाई करते है।
नहरों में पानी न आने से किसानों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कुरौली दमा निवासी अशोक ने बताया कि किराए के पानी से सिंचाई न कर पाने की वजह से फसल सूखने के कगार पर हैं। जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ सही होने का दावा कर रहे, लेकिन जमीनी हकीकत बहुत अलग है।
संतोष कुमार, मेवालाल, प्रदीप कुमार, ननकऊ, शिवमोहन, साहिमदा निवासी प्रदीप कुमार, भीमगंज निवासी रोहित का कहना है कि किसानों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। इस समय फसल के लिए पानी की बहुत आवश्यकता है, लेकिन नहर व माइनर सूखी पड़ी हुई है।
समस्या को लेकर कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द पानी न छोड़ा गया तो किसान संगठनों के साथ मिलकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
एसडीएम सत्येंद्र सिंह ने बताया कि जल्द ही किसानों की समस्या संबंधित विभाग से बात कर दूर की जाएगी और जल्द ही नहरों में पानी छोड़ा जाएगा।
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