Raebareli News: अधिकारी नहीं दे रहे आरटीआई के तहत मांगे गए सवालों के जवाब, लोग चक्कर काटने को मजबूर
रायबरेली में आरटीआई अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है। अधिकारी सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दे रहे जिससे लोग परेशान हैं। विकास कार्यों बजट और अन्य जानकारी मांगने पर भी विभागों से सूचना नहीं मिल रही है। उपजिलाधिकारी ने कहा है कि सूचना लंबित रखने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
जागरण संवाददाता, रायबरेली। जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 को अफसरों ने मजाक बना दिया है। भ्रष्टाचार को उजागर किया जा सके, दस्तावेजी सूचनाएं आवेदक तक 30 दिन के भीतर पहुंच सके, यह अधिकार जन सूचना अधिकार देता है।
क्षेत्र के कार्यालयों का हाल है कि सूचनाएं मांगते रहिए, लेकिन अधिकारी सूचना उपलब्ध नहीं कराते। तमाम लोग जन सूचना अधिकार से सूचना लेने के लिए आयोग तक के चक्कर काट रहे हैं।
कस्बे के प्रियतेश वैश्य ने बताया कि उन्होंने 15 मई को नगर पंचायत में किए गए विकास कार्यों का ब्यौरा मांगा लेकिन सूचना उपलब्ध नहीं हुई। 15 जुलाई को भी उन्होंने नगर पंचायत में डाली गई पाइप लाइन, व कस्बे के लगी लाइट समेत 5 बिंदुओं पर सूचना मांगी, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने सूचना देना उचित नहीं समझा।
मोन ग्राम निवासी पप्पू ने बताया कि उन्होंने नैया नाला पुल निर्माण को लेकर बजट व मानक की जानकारी लोक निर्माण विभाग से मार्च माह में मांगी, लेकिन अब तक सूचना नहीं मिली।
ज्योना निवासी बीरेंद्र यादव ने बताया कि उन्होंने जनवरी 2025 में ज्योना ग्राम में हुए विकास कार्यों की सूची व खर्च किए गए बजट का आंकड़ा मांगा, लेकिन अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई।
यह मामले तो महज उदाहरण हैं, न जाने कितनी आरटीआई विभागों में लंबित हैं, जिनका अफ़सर जवाब तक देना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।
उपजिलाधिकारी गौतम सिंह ने बताया कि विभागीय अधिकारियों के साथ आरटीआई आवेदन की समीक्षा बैठक की जाएगी। सूचना लंबित रखने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी होगी।
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