टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर IT प्रोफेशनल को चूना लगाने वाला था बदमाश, तभी खुद फंस गया साइबर अपराधी
रायबरेली में एक जालसाज ने विदेश में बैठे आइटी प्रोफेशनल को रिमोट एक्सेस के माध्यम से ठगने की कोशिश की। आइटी प्रोफेशनल ने जालसाज के वेब कैमरे को हैक करके उसकी सच्चाई जान ली। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पुलिस साइबर अपराध के मामलों की जांच कर रही है।
पुलक त्रिपाठी, रायबरेली । मेरा नाम माइक विल्सन है, मैं आपके केस का इंजीनियर हूं। मेरा एक्सटेंशन और आपके केस का नंबर .... है। अपना सिस्टम हमें रिमोट पर दें ताकि आपकी समस्या दूर की जा सके। शहर के निराला नगर के एक जालसाज ने विदेश में बैठे आइटी प्रोफेशनल को ऐसे ही झांसा देकर ठगी का प्रयास किया। मगर दांव उल्टा पड़ गया। आइटी प्रोफेशनल ने जालसाज के ही वेब कैमरे का एक्सेस कर समय रहते सारी हकीकत जान ली। यह प्रकरण इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहो गया, जिस पर लोगों की तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
उठाना पड़ सकता है आर्थिक नुकसान
दरअसल आम तौर पर कंप्यूटर और लैपटाप यूजर्स तकनीकी दिक्कत आने पर एक्सपर्ट की मदद लेते हैं। ऐसे में कई बार साइबर अपराधी को भी वे एक्सपर्ट मान अपना डिवाइस रिमोट पर साझा करने में गुरेज नहीं करते। नतीजतन उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
गुरुवार को सामने आए इस प्रकरण में शहर निवासी गौरव त्रिवेदी ने स्वयं को माइक्रोसाफ्ट कंपनी का टेक्निकल सपोर्ट इंजीनियर माइक विल्सन बताते हुए विदेश में बैठे आइटी प्रोफेशनल को काल किया। इस दौरान गौरव ने आइटी प्रोफेशनल को कोड भेजते हुए उसके सिस्टम को हैक करने का प्रयास किया।
प्रोफेशनल का वेब कैमरा एक्सेस कर लिया
किसी बात को लेकर शक हुआ तो आइटी प्रोफेशनल गौरव का वेब कैमरा एक्सेस कर लिया। इसके बाद जो हकीकत सामने आई, उससे आइटी प्रोफेशनल चकित रह गया। उसे अपने साथ फ्राड किए जाने का एहसास हुआ। आइटी प्रोफेशनल ने इस घटना का वीडियो शूट कर इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर दिया। मामला संज्ञान में आने के बाद साइबर थाने की पुलिस जांच में जुट गई है।
बढ़ रहे आपराधिक मामले
आंकड़े (1 जनवरी 2025 से अब तक)
साइबर क्राइम थाने में दर्ज मुकदमे : नौ
आनलाइन शिकायतें : लगभग 1400
आनलाइन ठगी : करीब 4 करोड़
पुलिस द्वारा खातों में फ्रीज : 2.89 करोड़
पीड़ितों को लौटाए गए : 97.83 लाख
साइबर फ्राड के कुछ अलग अलग उदाहरण
गिरफ्तारी का डर दिखाकर : डीह के पूरे मदे खां मजरे टेकारी सहन निवासी मोइन खान के पास फेसबुक मैसेंजर पर मैसेज आया कि सऊदी में काम कर रहे उनके पुत्र जाहिद का पासपोर्ट व वीजा रद हो गया है, जाहिद को जेल भेजा जा रहा है। अपराधियों द्वारा उनसे एक लाख रुपये की मांग की गई। बेटे को बचाने के लिए मोइन ने ठगों को 50 हजार रुपये भेज भी दिए। इसके बाद बेटे से बात हुई तो पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है।
आनलाइन शापिंग के नाम पर : बीते माह राजस्थान निवासी साइबर ठगों ने जनपद के पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर सिंह की फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर फर्नीचर बेचने के नाम पर गाजियाबाद में तैनात एक सिपाही को शिकार बनाया और 50 हजार रुपये ऐंठ लिए।
लालच देकर : बहुत कम कीमत के आफर का लालच देकर अपराधी फोन या मैसेज के जरिए संपर्क करते हैं। फिर बुकिंग के नाम पर कुछ रुपये मंगाकर ठगी की जाती है। ऐसे ही एक मामले का पुलिस ने राजफाश किया था, जिसमें डीह क्षेत्र के कुछ लोगों के बैंक खाते खुलवाकर उनमें ठगी का पैसा मंगाया जाता है। फिर कुछ रुपये खाताधारक को देकर बाकी रुपये निकाल लिए जाते हैं।
मदद के नाम पर : साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक मदद के नाम पर भी लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। परिचित के नाम की इंटरनेट मीडिया आइडी से फोन पर अस्पताल या किसी अन्य आपातकाल स्थिति में फंसा होने का हवाला देते हुए रुपये भेजने की बात की जाती है। फिर रुपये का सिर्फ एक टेक्स्ट मैसेज भेजा जाता है और उन रुपयों को आनलाइन माध्यम से मंगाकर ठगी की जाती है।
इस वर्ष साइबर ठगी के नौ मुकदमे व करीब 1400 आनलाइन शिकायतें दर्ज हुई हैं। इन मामलों में अब तक 22 आरोपितों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। इनमें एक गिरोह के आठ आरोपितों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है, जबकि एक अन्य गिरोह पर कार्रवाई प्रचलित हैं।- अजय सिंह तोमर, साइबर एक्सपर्ट, रायबरेली पुलिस
हमने एक्स का संज्ञान लिया है। आरोपित युवक गौरव त्रिवेदी नाम से लागिन था। उसे चिन्हित कर लिया गया है। आरोपित की पहचान प्रियांश त्रिपाठी के रूप में हुई है। जल्द ही उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी। - संजीव सिन्हा, अपर पुलिस अधीक्षक
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