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    यूपी के किसान आढ़तियों को क्यों बेचने लगे धान? इस वजह नहीं हो पा रही सरकारी खरीद

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 05:03 PM (IST)

    रायबरेली में धान खरीद प्रक्रिया धीमी होने से किसान परेशान हैं। 17382 किसानों में से केवल 11164 का सत्यापन हुआ है, जिससे बाकी किसान कम दाम पर व्यापारियों को धान बेचने के लिए मजबूर हैं। सत्यापन में देरी के कारण सरकारी खरीद प्रभावित हो रही है और किसानों को नुकसान हो रहा है। छोटे किसानों को राहत देते हुए 40 क्विंटल तक धान बिना इंतजार के खरीदने का आदेश दिया गया है।

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    जागरण संवाददाता, रायबरेली। एसआइआर की तेजी के आगे धान खरीद का असर फीका हो रहा है। किसानों ने उपज बेचने के लिए पंजीकरण तो कराया है, लेकिन तहसीलों से उनकी सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने में देरी हो रही है। तमाम किसान तहसीलों के चक्कर काट रहे हैं।

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    सत्यापन में हो रही देरी के कारण कई किसान आढ़तियों को कम दाम पर उपज बेचने को मजबूर हो रहे हैं। इससे सरकारी धान खरीद प्रभावित होने के साथ ही किसानों को भी नुकसान हो रहा है। इस सुस्त प्रक्रिया के कारण एक माह में 23998 मीट्रिक टन ही खरीद हो सकी है।

    इस बार डेढ़ लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर धान की पैदावार की गई। खरीफ सीजन में अच्छी बारिश के कारण फसल भी अच्छी रही। इस बार किसानों से सीधे खरीद करने के लिए जिलेभर में 107 क्रय केंद्र खोले गए। इसमें 2369 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की जा रही है।

    इसके अलावां 20 रुपये प्रति क्विंटल पल्लेदारी भी दी जा रही है। इस बार बाजार भाव से केंद्रों का रेट अधिक होने के बाद भी खरीद की रफ्तार नहीं बढ़ पा रही है। क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए 17 हजार 382 किसानों का पंजीकरण किया गया, इसमें से अभी तक मात्र 11 हजार 164 किसानों का सत्यापन हो सका है।

    6218 किसानों का सत्यापन नहीं हो सका है। इसमें से तमाम किसान हैं जो प्रतिदिन तहसीलों के चक्कर लगा रहे हैं। थक हारकर आढ़तियों को उपज बेचने को मजबूर हैं, जबकि इस बार किसान क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए परेशान हैं।

    धान बेचने के लिए किए गए पंजीकरण के सत्यापन में तहसील के अधिकारी गंभीर नहीं हैं। अफसरों की इस लापरवाही का खामियाजा किसान भुगत रहे हैं। यही हालात रहे तो जिले को खरीद का मिले लक्ष्य एक लाख 72 हजार मीट्रिक टन के आसपास पहुंचना भी मुश्किल हो जाएगा।

    40 क्विंटल तक धान बेचने के लिए नहीं करना होगा इंतजार
    अभी तक क्रय केंद्रों पर व्यवस्था थी कि किसानों को इंतजार न कराया जाए, बल्कि अधिक भीड़ होने की स्थिति में उन्हें टोकन दिया जाए, ताकि किसान टोकन में दी गई तिथि पर उपज लेकर आए और बेच सके। छोटे किसानों को इस बार राहत दी गई है।

    एडीएम प्रशासन सिद्धार्थ ने आदेश दिया है कि अब क्रय केंद्रों पर पांच से लेकर 40 क्विंटल तक उपज लाने वाले किसानों को इंतजार नहीं कराया जाएगा, बल्कि उनसे सीधे तौल कराई जाएगी। इन किसानों को टाेकन नहीं दिया जाएगा। इससे किसानों को काफी राहत मिलेगी। अभी तक 20 क्विंटल भी उपज होने पर पहले उन्हें केंद्राें पर टोकन लेने आना पड़ता था, अब सीधे धान बेच सकेंगे।

    खरीद बढ़ाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र प्रभारियों को भी दिशा निर्देश दिए गए हैं। जैसे-जैसे सत्यापन होते जा रहे हैं किसान केंद्रों पर पहुंचकर तौल कराएं। -सोनी गुप्ता, जिला खाद्य विपणन अधिकारी रायबरेली