यूपी में 80 करोड़ की लागत से बनेगा पीपीपी मॉडल बस स्टेशन, निर्माण कार्य शुरू होने में हो रही देरी
रायबरेली में 80 करोड़ की लागत से पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन बनाने की योजना है, लेकिन अस्थायी बस स्टेशन की व्यवस्था न होने से निर्माण कार्य में देरी हो रही है। इस परियोजना में यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, जैसे कि रिटेल आउटलेट्स और फूड कोर्ट। स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलने की उम्मीद है, और वे इस परियोजना के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

पीपीपी मॉडल बस स्टेशन का कार्य नहीं हुआ शुरू।
जागरण संवाददाता, रायबरेली। परिवहन निगम डिपो रायबरेली को शासन द्वारा वर्ष 2024 में घोषित प्रदेश के 23 प्रमुख बस स्टेशनों में शामिल किया गया था, जहां अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नया बस स्टेशन बनाया जाना है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए शासन ने लगभग 80 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की है। परियोजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी कार्यदाई संस्था राज लक्ष्मी इंटरप्राइजेस को सौंपी गई है।
बस स्टेशन के निर्माण को लेकर जमीन की नाप-जोख पूरी कर ली गई है। इसके साथ ही प्रस्तावित दस मंजिला इमारत के निर्माण से पूर्व भूगर्भीय मिट्टी की जांच भी की जा चुकी है। नए बस स्टेशन को पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर विकसित किया जाएगा, जिसमें यात्री सुविधाओं के साथ-साथ वाणिज्यिक सुविधाओं का भी समावेश होगा।
इस प्रस्तावित भवन में बस संचालन के अलावा रिटेल आउटलेट्स, मल्टीप्लेक्स, फूड कोर्ट, शौचालय, पेयजल व्यवस्था, वेटिंग रूम, लिफ्ट, एस्केलेटर सहित कई अत्याधुनिक सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी। इसके पीछे शासन की मंशा है कि प्रदेश के प्रमुख शहरों में यात्रियों को हवाई अड्डों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
हालांकि, परियोजना की प्रगति अभी बाधित है। वजह यह है कि नए निर्माण के लिए अस्थायी बस स्टेशन की व्यवस्था नहीं हो सकी है, जिसके कारण मौजूदा बस स्टेशन को स्थानांतरित नहीं किया जा सका है। जब तक अस्थायी स्थान तय नहीं होता, तब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाएगा।
यह अस्थायी व्यवस्था कम से कम दो वर्षों के लिए होगी ताकि निर्माण कार्य निर्बाध रूप से पूरा हो सके।स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर यह परियोजना समय पर शुरू होती है, तो न सिर्फ जिले का स्वरूप बदलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। साथ ही यात्रियों को एक ही स्थान पर अनेक सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
अब देखना यह होगा कि परिवहन विभाग इस महत्वाकांक्षी परियोजना को धरातल पर कब उतार पाते हैं। जिले के लाखों नागरिक इस बस स्टेशन की शुरुआत का बेसब्री से इंतजार है।
उधर प्रबन्ध निदेशक मासूमअली सरवर का कहना है कि बस स्टाप पर 9966 वर्गी मीटर भूमि है जबकि कार्यदायी संंस्था ने 1163 वर्ग मीटर की भूमि को लेकर पहले अड़चन थी लेकिन मेरे आदेश के बाद बस स्टाप पर ही दस मंजिस की बिल्डिंग स्थापित करने के लिए निर्णय लिया गया था।
मिट्टी जांच भी हो चुका है लेकिन अब हमारा तबादला दूसरे विभाग में हो गया है। जो हमारी जगह आएंगे उन्हे कार्य को गति देने के लिए अवगत करवा दिया जाएगा।
एक लाख की आवादी में यहां बनना है बस स्टाप
लालगंज में पुराने बस स्टाप पर ही प्रारंभ किया जाएगा जिसको लेकर वहां पर कार्य प्रारंभ करवा दिया गया।जहां से जल्द ही बसों का संचालन शुरू करवा दिया जाएगा।जबकि डलमऊ,ऊंचाहार,महराजगंज में भूमि चयन हो गया।जबकि छतोह में भूमि देखा गया है।
क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी का कहना है कि एक लाख की आवादी वाले कस्बों में नया बस स्टाप स्थापित करने की पहल में जो स्थान शेष है उनमें भी भूमि चयन करके उसकी रिपोर्ट डिपो के अधिकाारियों से मांगी गई है।
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