पापड़ बनाने में रोक, 300 महिलाओं से छिना रोजगार
रायबरेली पापड़ बनाकर पूंजी कमाने वाली 300 महिलाओं के सामने काम का संकट खड़ा हो गया
रायबरेली : पापड़ बनाकर पूंजी कमाने वाली 300 महिलाओं के सामने काम का संकट खड़ा हो गया है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर प्रशासन ने संस्था को काम करने से रोक दिया है। मंगलवार को बड़ी संख्या में महिलाएं डीएम दफ्तर पहुंची और न्याय के लिए आवाज बुलंद की।
श्री महिला गृह उद्योग लिज्जत पापड़ संस्था का कार्यालय कल्लू का पुरवा में है। इस संस्था का पापड़ बनाने वाली कंपनी से कांट्रैक्ट है। संस्था की ओर से महिलाओं को आटा मिलता था और वह घर जाकर पापड़ बनाती थी। पापड़ जमा करके फिर आटा ले जाती थीं। सुबह 5.30 से दस बजे तक संस्था खुलती थी, इसी दौरान आटा और पापड़ का आदान-प्रदान होता था। पापड़ की ठीकठाक खेप तैयार होने पर लखनऊ से कंपनी के लोग यहां आते थे और माल ले जाते थे। फिलहाल इस संस्था को काम करने से रोक दिया गया है। कल्लू का पुरवा के दो लोगों ने एसडीएम से शिकायत की थी कि कार्यालय में बड़ी संख्या में महिलाओं का आना-जाना लगा रहता है, शोर शराबा होता है। इसी शिकायत पर एसडीएम ने वहां टीम भेजी थी और काम बंद करने के निर्देश दिए गए थे। यह बात जब संस्था से जुड़ी महिलाओं को पता चली तो वह सब डीएम आफिस पहुंच गईं और अपनी बात रखी। कंपनी से कांट्रैक्ट करके निजी संस्था की महिलाएं कर रही थी काम। स्थानीय लोगों की शिकायत पर प्रशासन ने दिया दखल, न्याय के लिए घेरा डीएम दफ्तर।
संस्था की संचालक सरोज और कंचन श्रीवास्तव ने बताया कि करीब 300 महिलाएं पापड़ बनाने का काम कर रही हैं। संस्था को बंद कर दिया गया तो इनसे रोजगार छिन जाएगा। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने जांच कराकर उचित कार्रवाई का भरोसा महिलाओं को दिया है।
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