सरकारी बसों में सालों से नहीं बैठे सांसद और विधायक, सामने आए यूपी परिवहन निगम के चौंकाने वाले आंकड़े
क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के सांसदों और विधायकों ने आखिरी बार सरकारी बस में कब यात्रा की थी ? परिवहन निगम के चौंकाने वाले आंकड़े बताते हैं कि सांसद ने आखिरी बार 1999 में और विधायक ने 2009 में सरकारी बस में सफर किया था । अब सभी जनप्रतिनिधि अपने निजी संसाधनों से यात्रा कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता रायबरेली। UP Roadways: क्या आप जानते हैं कि जिले के माननीयों ने रोडवेज बस में आखिरी बार कब यात्रा की थी? यदि नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिरी बार कब और किस माननीय ने रोडवेज बस में यात्रा की थी।
रोडवेज बसों से आना जाना अपनी प्रतिष्ठा के विपरीत!
रोडवेज बस में आखिरी बार सांसद ने वर्ष 1999 तो विधायक ने वर्ष 2009 में सफर किया था। यह हम नहीं माननीयों की यात्रा की जानकारी के बनाई गई परिवहन निगम की पंजिका कह रही है।
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सभी बसों में माननीयों के लिए आरक्षित सीट
शायद अब माननीय रोडवेज बसों से आना जाना अपनी प्रतिष्ठा के विपरीत मानते हैं, इसी वजह से उन्होंने वर्षों से बस यात्रा से दूरी बना रखी है। डिपो में 150 रोडवेज बसें हैं। सभी बसों में माननीयों के लिए आरक्षित सीट भी रखी गई है।
सांसद अशोक कुमार सिंह ने रोडवेज बस में किया था सफर
जिले में सदर समेत पांच विधानसभा हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 1999 में जिले के सांसद अशोक कुमार सिंह ने रोडवेज बस में सफर किया था। उसके बाद से अभी तक सांसद ने बस यात्रा नहीं की।
2009 के बाद किसी विधायक ने रोडवेज बस से यात्रा नहीं की
वहीं विधायक की बात करें तो डिपो के रिकार्ड के मुताबिक 2009 में सरेनी के विधायक गिरीश नारायण पांडेय ने रोडवेज बस से यात्रा की थी उसके बाद से किसी विधायक ने सरकारी बस में सवारी नहीं की। जिसके चलते वर्षों से आरक्षित सीट या ताे खाली रहती है या अन्य यात्री उस पर बैठकर यात्रा करता दिखाई देता हैं।
जनप्रतिनिधियों की यात्रा करने से संबंधित रिपोर्ट शून्य
अब सभी जनप्रतिनिधि अपने निजी संसाधन से यात्रा कर रहे हैं। विभाग लगातार जनप्रतिनिधियों की यात्रा करने से संबंधित रिपोर्ट शून्य भेज रहा है।
सभी सरकारी बसों में अब दी जा रही हैं बेहतर सुविधाएं
क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि रायबरेली डिपो के अर्न्तगत अंतिम बार 1999 से सांसद व 2009 से विधायक ने यात्रा की थी, उसके बाद से बस में किसी भी जनप्रतिनिधि ने सफर नहीं किया। जबकि सभी सरकारी बसों में अब बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं।
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