बिना पल्ले की खिड़कियां तो कहीं खुफिया दरवाजे
जिला विद्यालय निरीक्षक के लिए नकल रोकना चुनौती केंद्रों की खामियों को छिपा रहे जिम्मेदार

रायबरेली : माध्यमिक शिक्षा परिषद हाईस्कूल-इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 के अब चंद दिन शेष बचे हैं। कापी से लेकर प्रश्नपत्र तक आ गए हैं। प्रवेश पत्र वितरण भी सोमवार से शुरू हो जायेगा। अफसर नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। इसमें हकीकत में उनके द्वारा कितना प्रयास किया जा रहा है, यह केंद्रों की पड़ताल में साफ देखने को मिल रहा है। जागरण टीम ने ऊंचाहार तहसील क्षेत्र के परीक्षा केंद्रों की पड़ताल की तो तमाम गड़बड़ियां सामने आईं। परीक्षा केंद्र बने कई विद्यालयों के बाउंड्रीवाल तक नहीं है। बाहरी दीवार खेत की ओर हैं। इसमें लोहे की लगी खिड़कियां टूटी तो कहीं पर पल्ले गायब हैं। कई जगह तो बिजली जाने के बाद वैकल्पिक व्यवस्था में जनरेटर तक नहीं है। हालांकि कुछ विद्यालयों में इनवर्टर जरूर है। तपिश भरी गर्मी में बिजली जाने के बाद पक्के कमरों में परीक्षा दे रहे बच्चों का हाल का स्वत: ही अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर खुफिया दरवाजे विभाग के लिए चुनौती बने हुए हैं।
²श्य एक -
फोटो संख्या- 9
रामरती शिक्षा सदन इंटर कालेज बाबूगंज में 14 कमरों में परीक्षा होनी है। कमरों में पंखे और सीसी कैमरे तो लगाए गए हैं, लेकिन बिजली जाने के बाद इन्हें संचालित करने के लिए जनरेटर नहीं है। ऐसे में तपिश भरी गर्मी में परीक्षार्थियों की मुश्किलें बढ़ सकती है। वहीं एक कमरे में सीसी कैमरा और न ही पंखा लगा हुआ है। विद्यालय में अतिरिक्त दरवाजा नकल विहीन परीक्षा कराए जाने के लिए चुनौती है। ²श्य दो
फोटो संख्या- 10
एसएन इंटर कालेज बाबूगंज में विद्यालय के चारों ओर बाउंड्री वाल की व्यवस्था नहीं है। पीछे की दीवार में पुरानी लोहे की सरियादार खिड़कियां जर्जर है। किसी भी खिड़की में पल्ले नहीं लगे हैं। ऐसे में इन खिड़कियों से नकल माफिया खेतों के रास्ते बड़ी आसानी के साथ नकल कराने में सफल हो सकते हैं।
²श्य - तीन
फोटो संख्या- 11
डा. भीमराव अंबेडकर इंटर कालेज सवैया धनी। इसे परीक्षा केंद्र बनाया गया है। चयन के मापदंड का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां किसी भी कमरे में लाइट और पंखे की व्यवस्था नहीं है। इनवर्टर के भरोसे सीसी कैमरा संचालित है। विद्यालय की पूर्वी और उत्तरी कमरों की दीवारों में लगी लोहे की खिड़कियों में दरवाजा नहीं है। ऐसे में नकल माफिया अपने मंसूबों में बड़ी ही आसानी के साथ कामयाब हो सकते हैं।
वर्जन
नकल रोकने के सारे इंतजाम हैं। इस संबंध में संबंधित परीक्षा केंद्र बने विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को पहले ही निर्देशित कर दिया गया था। इसके बावजूद कहीं पर कोई खामी मिलती है तो संबंधित पर कार्रवाई की जायेगी।
ओमकार राणा, जिला विद्यालय निरीक्षक
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।