UP Crime: तलाक की बात कर पत्नी को बुलाया, फिर न्यायालय परिसर में ही गड़ासे से किए ताबड़तोड़ वार, गिरफ्तार
रायबरेली में तलाक के लिए अदालत आई एक महिला पर उसके पति ने गड़ासे से हमला कर दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। पति ने उसे राजी खुशी से तलाक देने के बहाने बुलाया था। अधिवक्ताओं ने आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है। घटना ने न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जागरण संवाददाता, रायबरेली। तलाक के लिए न्यायालय आए पति ने पत्नी पर परिसर के अंदर अधिवक्ता चैंबर में गड़ासे से हमला कर दिया। घटना में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। अधिवक्ताओं ने आरोपित को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया।
इसके बाद महिला को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका उपचार किया गया। पीड़ित पत्नी के मुताबिक पति ने उसे फोन कर तलाक की बात की और न्यायालय बुलाया था।
यह है पूरा मामला
अमेठी जनपद के कुमेदान का पुरवा थाना जायस निवासी सीमा ने पुलिस को बताया कि करीब 10 वर्ष पूर्व उसका विवाह कानपुर देहात के मोहरसिंह का पुरवा थाना डेरापुर निवासी मिथुन के साथ हुआ था। वह गुड़गांव में रहकर जीवन यापन करती है।
लगभग ढाई वर्षो से पति से उसका विवाद चल रहा है, जिसके चलते दोनों ने तलाक लेने का फैसला किया था। पति ने फोन कर राजी खुशी तलाक देने की बात कहते हुए उसे बुलाया। सोमवार को वह और उसका पति तलाक का मुकदमा दायर करने के लिए रायबरेली कचहरी पहुंचे थे।
महिला के साथ अस्पताल आए अधिवक्ता अमर प्रकाश ने बताया कि सीमा देवी ने उन्हें फोन कर मुकदमा दायर करने के लिए कहा था। इस सिलसिले में वह आईं थीं, इसके बाद उन्होंने महिला के पति से भी फोन पर बात की तो वह भी आ गया।
अधिवक्ता के मुताबिक अपने चेंबर में वह कागजी कार्रवाई कर रहे थे, इसी दौरान पीछे खड़े मिथुन ने सीमा के सिर पर गड़ासे से हमला कर दिया। घटना से अफरा तफरी मच गई। आस पास मौजूद अधिवक्ताओं ने किसी तरह महिला को छुड़ाया और आरोपित को पकड़कर पुलिस के हवाले किया।
इसके बाद महिला को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका उपचार किया गया। सीओ अरुण कुमार का कहना है कि आरोपित कानपुर देहात निवासी मिथुन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। गड़ासा अंदर कैसे पहुंचा, इसकी भी जांच की जा रही है।
न्यायालय की सुरक्षा में चूक
न्यायालय परिसर के अंदर महिला पर गड़ासे से हुए हमले ने न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसको लेकर अधिवक्ताओं में रोष है। अधिवक्ताओं का कहना है कि कोई व्यक्ति हथियार लेकर न्यायालय परिसर में आकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे देता है।
इससे तो यही साबित होता है कि न्यायालय की सुरक्षा को लेकर भी जिम्मेदार गंभीर नहीं है। ऐसे तो काेई अपराधी कभी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है।
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