यूपी के रेलवे स्टेशन पर शुरू हो गई नई व्यवस्था, GRP अलग से रखेगा ये रजिस्टर
रायबरेली में रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए जीआरपी ने एक नई पहल की है। इसके तहत सभी ट्रेनों की दैनिक निगरानी होगी कर्मचारियों का डेटाबेस बनेगा और ड्यूटी पर तैनात कर्मियों की समीक्षा की जाएगी। एसपी जीआरपी रोहित मिश्र ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इस पहल से जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

जागरण संवाददाता, रायबरेली। रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) के पुलिस अधीक्षक ने एक नई व्यवस्था लागू की है।
अब स्टेशन से होकर गुजरने वाली सभी ट्रेनों की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाएगी। इस पहल के अंतर्गत ट्रेनों की सुरक्षा में लगे कर्मचारियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही की कोई गुंजाइश न रहे।
एसपी जीआरपी रोहित मिश्र की इस नई पहल के तहत हर ट्रेन के लोको पायलट, गार्ड और अटेंडेंस का मोबाइल नंबर अब जीआरपी थाने में दर्ज किया जाएगा। इससे जरूरत पड़ने पर उनसे त्वरित संपर्क स्थापित किया जा सकेगा और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी।
इसके अलावा, स्टेशन पर तैनात जीआरपी थानाध्यक्ष को निर्देशित किया गया है कि वे स्वयं अपनी ड्यूटी पर जाने से पहले और ड्यूटी से लौटने के बाद सुरक्षा स्कार्ट में तैनात हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल की समीक्षा अवश्य करें।
इस समीक्षा में यह देखा जाएगा कि सुरक्षा में लगे कर्मियों ने अपनी ड्यूटी पूरी जिम्मेदारी से निभाई है या नहीं। प्रत्येक ड्यूटी के बाद समीक्षा रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उसे सीधे पुलिस अधीक्षक (एसपी) को भेजा जाएगा।
इस तरह की रिपोर्टिंग व्यवस्था से न सिर्फ जवाबदेही सुनिश्चित होगी बल्कि सुरक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता भी आएगी। एसपी जीआरपी ने इस पहल को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस अधीक्षक रोहित मिश्र का कहना है कि नई पहल के तहत अलग से अभियान चलाया गया है जिसकी प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी। उनका कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए जीआरपी कोई भी कोताही नहीं बरतेगी।
उन्होंने बताया कि ट्रेनों में चलती ड्यूटी करने वाले जवानों की भूमिका बेहद अहम होती है, इसलिए उनकी कार्यशैली पर निगरानी रखना आवश्यक है। इस व्यवस्था के लागू होने से न सिर्फ ट्रेनों की सुरक्षा में और सुधार होगा, बल्कि यात्रियों में भी विश्वास बढ़ेगा।
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