भ्रष्टाचार में घिरे 'प्रधान जी' आजमा रहे किस्मत
विकास के नाम पर सरकारी धन का बंदरबाट करने में कई ग्राम पंचायतों ने बटोरी सुर्खियां कई जनप्रतिनिधियों पर कार्यकाल पूरा होने के पहले गिरी गाज नहीं मिला ...और पढ़ें

रायबरेली : इस पंचवर्षी में उमरन और तौधकपुर जैसी ग्राम पंचायतों ने जहां जिले का नाम रोशन किया, वहीं कुछ ग्राम पंचायतें ऐसी भी रहीं, जो भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में रहीं। जांच ही नहीं कार्रवाइयां भी हुईं। फिर भी प्रशासन के पंजे से इन ग्राम पंचायतों प्रधान बच निकले। यही अब दोबारा किस्मत आजमाने की तैयारी में है।
शिवगढ़ की एक ग्राम पंचायत में कूड़ेदान की खरीद को लेकर बड़ा खेल हुआ था। कूड़ेदान की असल कीमत की चार गुना धनराशि सरकारी खाते से निकाली गई थी। अफसर शुरू से ही प्रधान को बचाने में जुटे थे, लेकिन किरकिरी हुई तो प्रधान की कुर्सी छीन ली गई। कई महीने सस्पेंड रहने के बाद साहब बहाल हो गए। इसी तरह दीनशाह गौरा की एक ग्राम पंचायत में सीसी रोड और खड़ंजे के मामले ने खूब तूल पकड़ा। खड़ंजा निर्माण के नाम पर राज्यवित्त का धन डकारे जाने के मामले को लेकर लालगंज की दो ग्राम पंचायतों का नाम खूब उछला। भ्रष्टाचार में इन ग्राम पंचायतों के प्रधान कई महीने निलंबित रहे। इनसेट
इन्हें नहीं मिला सेटिग-गेटिग का मौका
अनियमितता में फंसे दूसरे प्रधान तो बच निकले, लेकिन हरचंदपुर के बरगदहा, रुकनापुर, खीरों के केसौली, डीह के रोखा और सलोन की सूची के प्रधानों को इसका मौका न मिला। पिछले साल नवंबर में इन्हें निलंबित किया गया था। उनके निलंबित रहते ही कार्यकाल समाप्त हो गया। इनसेट
परिसीमन हुआ पूरा, अंतिम सूचना जारी
महराजगंज और परशदेपुर नगर पंचायतों के सीमा विस्तार और नसीराबाद के सृजन के बाद प्रभावित हुई छतोह की नसीराबाद, महराजगंज की अतरेहटा, डीह की फागूपुर ग्राम पंचायत का परिसीमन पूरा हो चुका है। इसका अनअंतिम प्रकाशन हुआ था, लेकिन कोई आपत्ति नहीं आई। ऐसे में रविवार को जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने परिसीमन का अंतिम प्रकाशन जारी कर दिया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।