1354 गांवों में एसबीएम से बने शौचालयों की होगी जांच
स्वछता के आधार और केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी अभियान की परखी जाएगी हकीकत स्वछ भारत मिशन की निदेशक ने जारी किए आदेश जिले में पड़ताल की बन रही रणनीति

रायबरेली : स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि स्वच्छता का आधार भी है। केंद्र सरकार भी इसे लेकर गंभीर है। यही वजह है कि शासन स्तर से लगातार इसके कामकाज पर नजर रखी जा रही है। इस बार 1354 राजस्व गांवों में बने शौचालयों की जांच कराने की तैयारी है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की मिशन निदेशक किजल सिंह ने इसे लेकर सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को आदेश जारी कर दिए हैं। इसके तहत जिले स्तर पर भी शौचालयों का सत्यापन कराया जाएगा। असल में इसका उद्देश्य यह देखना है कि सरकारी सहयोग से गांवों में बनवाए व्यक्तिगत इज्जतघर बनवाने का कितना लाभ का हुआ। यही कारण है कि इसमें सिर्फ 180 दिन या इससे भी अधिक पुराने शौचालयों को देखा जाएगा। सरकारी अनुदान लेकर पूरा काम कराया गया या नही। शौचालय बना तो उनका प्रयोग होता है या नही। ऐसे ही तमाम बिदुओं की छानबीन की जाएगी। हालांकि, जनपद में कुल 1557 गांव हैं, लेकिन 203 गांवों में पहले ही जांच हो चुकी है। शेष 1354 गांवों में अब पड़ताल कराई जाएगी।
इनसेट
शासन भी कराएगा पड़ताल 1354 में से 1083 गांवों की जांच ग्राम पंचायत सचिव, 203 गांवों की सहायक विकास अधिकारियों और 86 गांवों की जांच जिला पंचायतराज अधिकारी व जिला कंसलटेंट द्वारा की जाएगी। इसके अलावा 27 राजस्व गांवों की दोबारा पड़ताल कराई जाएगी। यह जांच मंडल स्तर से उप निदेशक पंचायत और उनकी टीम करेगी ताकि, जिले स्तर के अफसरों द्वारा किए गए सत्यापन की हकीकत सामने आ सके।
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शासन ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने 180 या इससे भी पुराने शौचालयों के सत्यापन का आदेश दिया है। उच्चाधिकारियों से जो आदेश मिले हैं, उसी के अनुसार गांवों में सत्यापन कराया जाएगा।
राजेंद्र प्रसाद
जिला पंचायतराज अधिकारी
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