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    अव्यवस्था से पस्त है जिला अस्पताल की की सेवाएं, सरकारी बजट को लेकर उठ रहे सवाल

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 02:42 PM (IST)

    रायबरेली के जिला अस्पताल में मरीजों को बीमारी से अधिक अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। एक्स-रे मशीन खराब होने और ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से मरीजों को परेशानी हो रही है। ओपीडी के बाहर बेंच न होने से मरीज जमीन पर बैठने को मजबूर हैं। रोगी कल्याण समिति में पर्याप्त धन होने के बावजूद मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

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    जिला अस्पताल में सुविधाओं को लेकर उठ रहे सवाल।

    जागरण संवाददाता, रायबरेली। जिला अस्पताल में मरीजों को बीमारी से अधिक अव्यवस्थाएं दर्द दे रही हैं। तीमारदारों को स्ट्रेचर खींचना पड़ रहा है। इमरजेंसी में मरीजों को बाहर की दवा लिखी जा रही हैं। चार दिन से एक्स-रे मशीन खराब होने से मरीजों को मजबूरी में बाहर से जांच करानी पड़ रही है।

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    ऑक्सीजन प्लांट खराब होने से पाइप लाइन से ऑक्सीजन बाधित है। बेंच न होने से मरीज ओपीडी के सामने जमीन पर बैठने को मजबूर हैं। गंभीर बात है कि क्वालिटी मैनेजर का मरीजों की सुविधा से कोई वास्ता नहीं है।

    बछरावां निवासी प्रिंस ने बताया कि पिताजी को घायल अवस्था में जिला अस्पताल की इमरजेंसी लाया, वहां स्टाफ ने पर्ची देते हुए बाहर से इंजेक्शन लाने के लिए कहा। मजबूरी में 749 रुपये खर्च करने पड़े। तीन दिन से एक्स रे मशीन खराब है।

    मजबूरी में मरीजों को महंगे दाम पर बाहर से जांच करानी पड़ रही है। सबसे बड़ी दिक्कत मेडिको लीगल व भर्ती मरीजों को हो रही है, इसके चलते इलाज के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

    लगभग एक माह बीतने के बाद भी आक्सीजन प्लांट सही नहीं हो सका है, इससे पाइप लाइन से आक्सीजन बाधित है। गंभीर मरीजों की जिंदगी कंसंट्रेटर के भरोसे चल रही है, जबकि कंसंट्रेटर आपातकालीन सुविधा के लिए होता है।

    लगभग 70 वार्ड ब्वाय व सफाई कर्मी की लंबी फौज है। लोगों का कहना है कि सफाई के लिए कार्यदायी संस्था नामित होने के बाद सफाई कर्मियों से भी वार्ड ब्वाय का काम लिया जा रहा है। इसके बावजूद तीमारदार को मजबूरी में स्ट्रेचर खींचना पड़ रहा है। रोगी कल्याण समिति (आरकेएस) के खाते में लगभग 40 से 50 लाख रुपये जमा हैं।

    इसके बावजूद ओपीडी के सामने बेंच न मिलने से मरीजों को जमीन पर बैठना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकर जब सीएमएस पुष्पेंद्र कुमार से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

    बहुत जल्द जिला अस्पताल का निरीक्षण किया जाएगा। हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो, सरकार का पूरा फोकस इसी पर है। इसके बावजूद अगर लापरवाही हो रही है तो संबंधित पर कड़ी कार्रवाई होगी। -डॉ जीपी गुप्ता, अपर निदेशक, लखनऊ।