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    Toll Tax: फिर कोई क्यों ही देगा टोल टैक्स? यूपी के राष्ट्रीय राजमार्ग की इस समस्या ने लोगों का चढ़ाया पारा

    रायबरेली-प्रयागराज हाईवे पर जगतपुर से ऊंचाहार तक कई जगहों पर बड़े गड्ढे हो गए हैं जिससे लोगों में गुस्सा है। टोल प्लाजा पर टैक्स वसूली के बाद भी सड़क की मरम्मत नहीं हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि नेशनल हाईवे की हालत ग्रामीण सड़क जैसी है और दुर्घटना का खतरा बना रहता है। एसडीएम ने एनएचएआइ को सड़क मरम्मत के लिए पत्र भेजा है

    By Safeer Ahmed Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 22 Aug 2025 04:17 PM (IST)
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    राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह गड्ढे ताे काहे का टोल

    जागरण संवाददाता, रायबरेली। रायबरेली-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगतपुर से ऊंचाहार तक कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। हाइवे पर ऊंचाहार में टोल प्लाजा भी बनाया गया है, जहां औसतन प्रतिदिन 15 से 20 हजार वाहनों से टैक्स की वसूली की जाती है, लेकिन इसके बाद भी सड़क की मरम्मत नहीं हो रही है।

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    लोगों का कहना है कि कहने को तो नेशनल हाइवे है, लेकिन हालत किसी ग्रामीण सड़क की तरह तो फिर आखिर टोल टैक्स किस बात का? बदहाल सड़क पर हादसे का तो खतरा बना ही हुआ है, साथ ही आवागमन में लाेगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिसको लेकर लोगों में रोष है।

    फरवरी 2025 में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ स्नान पर्व के दौरान करीब 620 करोड़ की लागत से एनएचएआइ की कार्यदाई संस्था द्वारा चंड़रई चौराहे के पास एनएचएआइ द्वारा सड़क पथ संग्रहण केंद्र (टोल प्लाजा) बनाया गया है। टोल प्लाजा पर सभी चार पहिया व भारी वाहनों से टैक्स के नाम पर भरपूर वसूली भी की जाती है, लेकिन सुगम यातायात का दावा करने वाली एनएचएआइ के अधिकारियों को यह टूटी हुई सड़क नजर नहीं आती है।

    ऐसे में हिचकोले खाते हुए वाहन स्वामियों को अपनी मंजिल तय करनी पड़ रही है। जगतपुर, जिगना, बाबा का पुरवा, चंड़रई, बाबूगंज, सवैया हसन, सवैया तिराहा समेत कई स्थानों पर बरसात के कारण सड़क धंसने से टूट चुकी है। बाबूगंज निवासी अजय कुमार गुप्ता, सोहनलाल, महादेव, राकेश कुमार, सुनील कुमार, रविंद्र कुमार , राजन, अशोक कुमार पांडेय, विमलेंद्र वाजपेयी का कहना है कि जगह-जगह सड़क टूटी हुई है।

    जरा सी असावधानी होने पर वाहनों का संतुलन बिगड़ जाता है। ऐसे में अनजान वाहन चालक इन गड्ढों की वजह से दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। कार्यदायी संस्था द्वारा महाकुंभ के दौरान मानकों की अनदेखी कर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कराया गया है।

    इतना ही नहीं क्षेत्रीय चार पहिया वाहन स्वामियों से भी भरपूर टोल टैक्स की वसूली की जाती है, जबकि सरकार द्वारा स्थानीय लोगों को टैक्स में रियायत दी गई है। बावजूद इसके टोल कर्मियों द्वारा वाहन स्वामियों से जबरन वसूली की जाती है। एसडीएम राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि एनएचएआइ के अधिकारियों को सड़क के मरम्मत के लिए पत्र भेजकर आदेशित किया गया है।

    जहां कहीं भी राजमार्ग खराब है, उसे दुरुस्त कराया जाएगा। राहगीरों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा। -एनपी सिंह, परियोजना निदेशक, पीआइयू रायबरेली एनएचएआई

    टोल शुल्क

    वाहन एकल यात्रा 24 घंटे से पहले वापसी
    कार, जीप, वैन 85 45 रुपये
    मिनी बस, छोटे व्यवसायिक वाहन 140 70
    बस 290 145
    ट्रक टू एक्सल 290 145
    तीन एक्सल वाहन 320 160
    चार से छह एक्सल वाहन 460 230
    सात या अधिक एक्सल वाहन 555 280

    माह में 50 बार यात्रा करने वालों को पास की सुविधा

    • वाहन - मासिक शुल्क
    • कार, जीप, वैन - 2875 रुपये
    • मिनी बस, छोटे व्यवसायिक वाहन - 4645 रुपये
    • बस, ट्रक - 9730 रुपये
    • तीन एक्सल वाहन - 10615 रुपये
    • चार से छह एक्सल वाहन - 15260 रुपये
    • सात से अधिक एक्सल वाहन - 10575

    नोट : एक अप्रैल 2024 को लागू दर के अनुसार।