चंद्रयान-दो से विश्व जगत में भारत की धमक
रायबरेली चंद्रयान- दो भारत की अंतरिक्ष में सफलता की ओर से एक कदम है। भले ही आज कुछ द
रायबरेली : चंद्रयान- दो भारत की अंतरिक्ष में सफलता की ओर से एक कदम है। भले ही आज कुछ दूरी पर थम गया हो, लेकिन भविष्य हमारा है। इससे पूरे विश्व में देश की धमक बढ़ी है। गुरुवार को एफजी कॉलेज के ऑडीटोरियम में एक समारोह के दौरान इस अभियान का आंखों देखा वर्णन दूरदर्शन पर करने वाले विनोद कुमार श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं से अनुभव साझा करते हुए कही। वे इससे पहले यहां पर रसायन विज्ञान में लेक्चरर रह चुके हैं।
कानपुर के आर्य नगर निवासी विनोद श्रीवास्तव 37 साल तक इसरो में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। कहा कि चंद्रयान दो से भारत और मजबूत हुआ है। अब तक 450 से अधिक राकेट लांचर में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि 1992 में इसरो ज्वाइन किया था। इसके बाद सभी प्रमुख मिशन में हिस्सा बने। उन्होंने ही इसरो का पहला रॉकेट सेफ्टी डिवीजन तैयार किया। उन्होंने कहा कि वह हिदी माध्यम से है। ऐसे में कतई छात्र हिचक न रखे। हिदी से भी विज्ञान जगत में सफलता अर्जित की जा सकती है। अब तक छह बार दूरदर्शन में लाइव टेलीकास्ट कर चुके हैं। वर्तमान में आंध्रप्रदेश के हैदराबाद शहर में रह रहे हैं।
डॉ. कलाम के साथ कर चुके काम
हैदराबाद स्थित डीआरडीएल में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम के साथ भी काम कर चुके हैं। अनुभव साझा करते हुए कहते हैं कि उनके साथ काफी कुछ सीखने को मिला। उन दिनों वह जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइल पर काम कर रहे थे। इस प्रोजेक्ट में करीब छह महीने तक साथ रहे।
स्थापना दिवस पर दी श्रद्धांजलि
फीरोज गांधी कॉलेज के स्थापना दिवस में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने फीरोज गांधी को श्रद्धांजलि दी। इससे पहले प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार ने स्वागत किया। कहा कि जिले के लिए यह उपलब्धि भरा है। प्रबंधक समिति के ओएन भार्गव के अलावा यामिनी शर्मा, शीला श्रीवास्तव, दिनकर त्रिपाठी, अरविद सिंह आदि मौजूद रहे।