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    दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर आ गया बड़ा अपडेट, यूपी के 60 गांवों से होकर गुजरेगी

    रायबरेली में बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का काम शुरू हो गया है। लिडार तकनीक से ज़मीन का सर्वे किया जा रहा है। यह ट्रेन रायबरेली के 60 गांवों से गुजरेगी जिससे दिल्ली से वाराणसी तक का सफर कम समय में पूरा हो सकेगा। अधिकारियों ने बताया कि सर्वे के बाद भूमि अधिग्रहण और निर्माण का काम शुरू किया जाएगा। यह रायबरेली न्यूज़ है।

    By Jagran News Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 26 Aug 2025 06:55 PM (IST)
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    बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए लिडार तकनीक से सर्वे शुरू

    कुमार सर्वेश, रायबरेली। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना को गति मिल रही है। नेशनल हाई-स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कारिडोर के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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    इस दिशा में जमीन के सटीक सर्वेक्षण के लिए अत्याधुनिक लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।

    अधिकारियों के अनुसार, लिडार तकनीक से हवाई सर्वेक्षण के जरिए ज़मीन की ऊंचाई-निचाई, संरचनाएं, वनस्पति और अन्य भू-आकृतिक विशेषताओं की सटीक जानकारी प्राप्त होती है, जिससे डीपीआर को और सटीक बनाया जा सकेगा।

    यह तकनीक हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट्स में अपनाई जा रही है, जिससे निर्माण की योजना और डिजाइन में तेज़ी व पारदर्शिता आ सके। दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कारिडोर देश के आठ प्रस्तावित हाई-स्पीड रेल नेटवर्क में से एक है।

    लगभग 865 किलोमीटर लंबे इस कारिडोर का रूट दिल्ली से शुरू होकर मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही होते हुए वाराणसी तक जाएगा। इस परियोजना के तहत रायबरेली के 60 गांवों से होकर बुलेट ट्रेन जाएगी। इन गांवों को चिंहित किया गया है।

    इस हाई-स्पीड कारिडोर के बन जाने से दिल्ली से वाराणसी तक की यात्रा महज चार से साढ़े चार घंटे में पूरी की जा सकेगी, जो वर्तमान में ट्रेन या सड़क मार्ग से आठ से दस घंटे में तय होती है। इससे न केवल पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रदेश के कई जिलों में रोजगार और निवेश के नए अवसर भी बनेंगे।

    चार तहसील के इन गांवों को किया गया चिंहित

    महराजगंज तहसील के सरौरा, चुरवा, इसिया, नीम टीकर, टोडरपुर, बछरावां, बन्नावां, कंदावा, खैरहनी। सदर तहसील के जोहवाशर्की, दतौली, कनहट, प्यारेपुर, हिडइन, हिलालगंज, गुलूपुर, अजमतउल्लागंज, अरिवार, ढोंढरी, सानिकमऊ, देदौर, दरीबा, रसूलपुरगुंडा, चंदौली, नकफलहा, विनोहरा, फकरूलहसनखेड़ा, मछेछर, सैदनपुर, सुलखियापुर, खनुआ, बेलाभेला, उदरहटी, एकौना,चकवलिहार, ऊंचाहार तहसील के हरदीटीकर, चंदौली, धर्मदासपुर, सरायश्रीबख्स, केवलपुर, बरेठा, मोहनपुर, गोपियापुर, जगतपुर, धोबहा, जिगना, रोझइया, भीखमशाह रोझइया गोकुलपुर, इटौराबुजुर्ग, सलारपुर, मिर्जापुर ऐहारी, नंदौरामाफी, डिडौली, छतौनामरियानी, रघुनापुरलबेदवा, उमरन, भवानीदीपुर, कमालपुर, लक्ष्मणगंज, बछइयापुर, मरहाममऊ, रसूलपुर व सलोन तहसील के मिरजहापुर, कमालपुर, डोमापुर, कोदारी आदि गांव शामिल हैं।

    सदर तहसीलदार आकृति श्रीवास्तव का कहना है कि स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड की टीम ने क्षेत्रीय लेखपालों के साथ सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे रिपोर्ट पूर्ण करने के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में कुछ महीने लगेंगे, जिसके बाद भूमि अधिग्रहण, डिजाइन और निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी।