उत्तर प्रदेश में ट्रेन डिरेल की एक और साजिश, ट्रैक पर रखा बोल्डर; लोको पायलट भी दहशत में
जगतपुर-दरियापुर के बीच स्लीपर रखने की घटना के बाद बुधवार को फिर अराजकतत्वों ने रेलवे ट्रैक पर बोल्डर रख दिए। जनसाधारण एक्सप्रेस गुजरते समय जोर की आवाजें आने पर लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी जिससे बड़ा हादसा टल गया। अधिकारियों को सूचना दी गई और रेलवे सुरक्षा बल ने मामले को गंभीर मानते हुए जांच का आदेश दिया है।
कुमार सर्वेश, रायबरेली। देश विरोधी ताकतें लगातार ट्रेनों को डिरेल कराने का दुस्साहसिक प्रयास कर रही हैं। सात अक्टूबर को जगतपुर और दरियापुर के मध्य 15 सी रेलवे गेट के पास बेनीकामा में स्लीपर रखकर मालगाड़ी पलटाने की साजिश के बाद एक बार फिर ऐसी ही वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया है। अराजकतत्वों ने इस बार रेलपटरी पर बोल्डर रख दिए।
गनीमत रही कि रेल पहिया के भार से बोल्डर चकनाचूर होकर बुरादे में तब्दील हो गया। जिसके निशान रेलपटरी पर काफी दूर तक बन गए। घटना के बाद लाेको पायलट (चालक) भी दहशत में आ गए। तनिक दूर पर ही लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी और राहत की सांस ली। दस मिनट तक ट्रेन खड़ी करने के बाद फिर मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी।
क्या है मामला?
दरअसल, जनसाधारण एक्सप्रेस बुधवार को सुबह करीब 11:40 पर प्रतापगढ़ से लखनऊ की ओर जा रही थी। स्टेशन के प्लेट फार्म संख्या दो पर लखनऊ-प्रयागराज संगम पैसेंजर ट्रेन खड़ी थी। इसी के बगल से मेन लाइन पर दानापुर से आनंद बिहार जाने वाली गाड़ी संख्या 13257 जनसाधारण एक्सप्रेस गुजर रही थी।
गाड़ी जैसे ही रेलवे स्टेशन के दायरे में ही स्थित रेलवे ओवरब्रिज के ठीक नीचे से गुजरी, बड़ी जोर की कट-कट की आवाज आने लगी। लोको पायलट को रेल पटरी के साथ छेड़छाड़ किए जाने का अहसास हुआ। कट-कट की तेज आवाज से सवार यात्री भी सहम उठे। लोको पायलट ने स्टेशन पर स्टापेज न होने के बाद भी कुछ दूर पर ट्रेन को रोक दी।
पहले राहत की सांस ली और फिर अधिकारियों को मामले से अवगत कराया। नानस्टाप चलने वाली गाड़ी के अचानक रुकने पर यात्री व रेल विभाग के अधिकारियों में खलबली मच गई। स्टेशन पर मौजूद यात्री बीके श्रीवास्तव, दीपक कुमार, प्रदीप मिश्रा, सलाउद्दीन का कहना है कि अचानक तेज आवाजें आने के बाद गाड़ी रोकी गई।
रेलवे ट्रैक पर रखे थे बोल्डर
कुछ देर बात पता चला की रेलवे ट्रैक पर किसी ने बोल्डर रखे थे। कुछ देर तक अफरातफरी के माहौल के बाद गाड़ी पास कराई गई। करीब 35 दिन के भीतर हुई दूसरी घटना को भी अधिकारियों ने गंभीरता से लेने के बजाय उस पर पर्दा डालते रहे। स्टेशन पर तैनात अधिकारी कुछ भी बताने से बचते रहे।
यातायात निरीक्षक राजेश कुमार का कहना है कि मामले की जानकारी नहीं है। पता कराते हैं। राजकीय रेलवे पुलिस के थानाध्यक्ष विनाेद कुशवाहा का कहना है कि यह मामला स्टेशन मास्टर से जुड़ा है, इसपर वही कुछ बता सकते हैं। हम इस बाबत कुछ भी नहीं कह सकते। सहायक मंडल सुरक्षा आयुक्त रेल सुरक्षा बल बीएन मिश्र का कहना है कि मामला गंभीर है। प्रकरण की जांच कराई जाएगी।
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