रायबरेली में अब किराए के भवनों से मिलेगी मुक्ति, 18 आंगनबाड़ी केंद्र बनकर तैयार
रायबरेली में किराए के भवनों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को अब अपने भवन मिलेंगे। 18 भवन बनकर तैयार हैं और 7 नए भवनों का प्रस्ताव पास हो गया है। इन केंद्रों में बच्चों के लिए सुंदर चित्रकारी और स्वास्थ्य उपकरण उपलब्ध होंगे। पहले आंगनबाड़ी केंद्र घरों या स्कूलों में चलते थे, पर अब इनकी स्थिति सुधर रही है। भवनों में टाइलीकरण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और बाला पेंटिंग भी कराई गई है।

अब किराए के भवनों से मिलेगी मुक्ति।
संवाद सूत्र, लालगंज (रायबरेली)। किराए के भवनों व स्कूलों में चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों को अब अपना भवन मिलेगा। 18 भवनों के बनने के बाद नए सात भवन बनने का प्रस्ताव भी पास हो गया है। कुछ जगह तो भवनों को बनाने के लिए निर्माण भी शुरू कर दिया गया है। जो भवन बन रहे हैं, उनमें बच्चों को रोचक पढ़ाई के लिए सुंदर चित्रकारी के साथ ही स्वास्थ्य को लेकर जरूरी उपकरण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
एक समय था जब आंगनबाड़ी केंद्र गांव में किसी के घर के बरामदे अथवा स्कूल के एक कमरे में जमीन पर टाट पट्टी बिछाकर चलाए जाते थे। अब आंगनबाड़ी केंद्रों के दिन बहुर गए हैं। क्षेत्र के ग्राम सरांय बैरिहाखेड़ा, जगतपुर भिचकौरा, उदवामऊ, हरीपुर, बहरामपुर, बंडई व चांदा में आंगनबाड़ी केंद्र बनना शुरू हुए हैं।
इसके पहले अंबारा पश्चिम, सरायकुर्मी, उगाभाद, गहिरी, उरवामऊ, दतौली, जमुवावा, मैदेमऊ, बेमौरा महेशखेड़ा, धनाभाद, धन्नीपुर, कान्हमऊ, मदुरी, मटेहना, सकतपुर, शाहपुर, शोभवापुर व बरहा में भवनों का निर्माण कराकर उन्हें ग्राम सभा को सौंपा जा चुका है।
उतरागौरी में जमीनी विवाद को लेकर निर्माण अधर में लटका हुआ है, बंडई में जिस जगह का चयन निर्माण के लिए किया गया है वह मानक से कम होने के चलते दूसरी जगह का प्रस्ताव कराया जा रहा है। इन भवनों का निर्माण लगभग 12 लाख रूपये से कराया जा रहा है, जिसमें आठ लाख रूपये मनरेगा, दो लाख रूपये पंचायतीराज विभाग व दो लाख रूपये आईसीडीएस विभाग से लग रहा है।
निर्मित हो चुके भवनों की साज सज्जा में भी कोई कोर कसर नही छोड़ी जा रही है। खंड विकास अधिकारी गगनदीन सिंह का कहना है कि सभी केंद्रों पर टाइलीकरण के साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाए गए हैं।
बाला पेंटिंग कराई गई है, जिसमें दीवारों से लेकर छत तक में हिंदी अंग्रेजी वर्णमाला, अक्षर ज्ञान, सब्जी, पशु पक्षियों आदि के नाम व चित्र, गिनती आदि लिखवाई जा रही है। ताकि दीवारें आकर्षक लगे, वहीं बच्चे मनोरंजन के साथ अक्षर ज्ञान प्राप्त कर सकें।
कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों पर एलईडी टीवी भी लगवाई गई है। बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिए वजन मशीन, थर्मामीटर आदि उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं। अभी भी जहां आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवनों में हैं, प्रस्ताव मिलने पर वहां भी भवन निर्माण को लेकर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।