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    दीमक होने पर फोरेट दवा का करें छिड़काव

    By Edited By:
    Updated: Wed, 19 Aug 2015 05:23 PM (IST)

    रायबरेली , जागरण संवाददाता : : मानसून की बारिश कमजोर रहने के कारण धान के खेतों में पानी नहीं टिकता ह

    रायबरेली , जागरण संवाददाता : : मानसून की बारिश कमजोर रहने के कारण धान के खेतों में पानी नहीं टिकता है। खेत सूखे रहने के कारण धान की जड़ों को दीपक चट कर रहे हैं। इससे प्रकोप वाले खेतों में धान की पौध ही सूखने लगी है। समय रहते इसका उपचार कर दिया जाय तो फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है।

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    कृषि उप निदेशक महेंद्र प्रताप ¨सह ने किसानों से कहा कि जिले में अवर्षण के हालात हैं। इस कारण धान की फसल में कहीं कहीं दीमक लगना शुरू हो गया है। किसान दीमक कीट के नियंत्रण को फोरेट 10 जी की दस किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। धान की जड़ में सूंड़ी लगी होने पर क्लोरोपाइरीफास 20 ईसी की चार लीटर मात्र प्रति हेक्टयर के हिसाब से छिड़काव करें। या फिप्रोनिल 0.3 प्रति जीआर की 20 किलोग्राम मात्रा का बुरकाव करें। इसके अलावा क्लोरापाइरीफास 20 ईसी की चार लीटर मात्रा खेत की ¨सचाई करते समय पानी में टपका दें। दवा जड़ों तक पहुंच कर कीट पर नियंत्रण कर लेगी।

    कृषि उप निदेशक ने कहा कि कीट का प्रकोप कम न होने की दशा में दस दिन बाद एक बार और दवा की मात्रा का प्रयोग किया जा सकता है किसान अपने खेत का प्रतिदन निरीक्षण करते रहें। जैसे ही झुलसा या दीमक का असर दिखाई पड़े। समय रहते दवा का छिड़काव अवश्य कर दें।