कुंभ मेले को लेकर स्टीव जॉब्स ने 1974 की चिट्ठी में क्या लिखा था? अब पत्नी लॉरेन करेंगी मां काली की स्तुति
महाकुंभ मेले में एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पावेल ने सनातन धर्म को अपनाया। उन्हें श्रीनिरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने मां काली का बीजमंत्र दिया। अब वह मां काली की स्तुति करेंगी। बुधवार को वह प्रयागराज से रवाना हो गई। वहीं स्टीव जॉब्स की 1974 की एक चिट्ठी काफी सुर्खियों में है। पढ़िए स्टीव ने कुंभ मेले को लेकर क्या कहा था?
जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। महाकुंभ मेला क्षेत्र में प्रवास के दौरान सनातनी बनीं एप्पल के सह-संस्थापक स्व. स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पावेल उर्फ कमला पौराणिक मान्यता अनुसार असुरों का भक्षण करने वाली मां काली की स्तुति करेंगी।
श्रीनिरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने सेक्टर नौ स्थित आचार्य शिविर में उन्हें मां काली का बीजमंत्र दिया। विधि-विधान से बीजमंत्र देने की प्रक्रिया पूर्ण की गई। पावेल बीज मंत्र का प्रतिदिन जप करेंगी। वह बुधवार को प्रयागराज से रवाना हो गईं।
10 जनवरी को महाकुंभ पहुंची थी लॉरेन
लॉरेन पावेल फरवरी 2024 में स्वामी कैलाशानंद के संपर्क में आईं थीं। हरिद्वार स्थित उनके आश्रम जाकर पूजन व अभिषेक किया था। इसके बाद 10 जनवरी को महाकुंभ में पहुंची। यहां कैलाशानंद ने उन्हें बेटी बनाकर अच्युत गोत्र और कमला नाम दिया। उन्हें मकर संक्रांति पर संगम में अमृत स्नान करना था, लेकिन स्किन एलर्जी के कारण स्नान नहीं किया।
स्वामी कैलाशानंद का कहना है कि पावेल हरिद्वार स्थित मां काली मंदिर में पहली बार मुझसे मिली थीं। वहां विधि-विधान से पूजन किया। उनके भक्तिभाव को देखते हुए मैंने दीक्षा देने के बाद मां काली का बीजमंत्र दिया है।
वर्ष 1974 में स्टीव जॉब्स ने लिखी थी कुंभ पर चिट्ठी
एप्पल के सह-संस्थापक स्व. स्टीव जॉब्स के उस पत्र की भी अब चर्चा हो रही है जिसे उन्होंने वर्ष 1974 में लिखा था। स्टीव जाब्स का भारत और खासकर कुंभ मेले से गहरा आत्मिक जुड़ाव था। साल 1974 में उन्होंने अपने पत्र में कुंभ मेले में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी।
उन्होंने लिखा था: "मैं अप्रैल में शुरू होने वाले कुंभ मेले के लिए भारत जाना चाहता हूं। मैं मार्च महीने में किसी भी समय आ सकता हूं, हालांकि, यह अभी निश्चित नहीं है...।" उन्होंने इस पत्र को ‘शांति’ शब्द के साथ समाप्त किया, जो उनकी भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के प्रति झुकाव को दर्शाता है।
4.32 करोड़ में नीलाम हुई चिट्ठी
हाल ही में यह पत्र 4.32 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ। जिस तरह स्टीव जॉब्स ने अपने पत्र के माध्यम से भारतीय संस्कृति के प्रति अपने झुकाव को व्यक्त किया था, उसी तरह लॉरेन पावेल ने सनातन को अपनाकर प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह कदम भारतीय संस्कृति की शक्ति और इसके वैश्विक प्रभाव का प्रतीक माना जा सकता है।
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