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    योगी कैबिनेट में विंध्य एक्सप्रेस-वे को मंजूरी, 320 किमी होगी लंबाई; इन जिलों को होगा फायदा

    By Jagran NewsEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Wed, 22 Jan 2025 06:24 PM (IST)

    योगी सरकार ने महाकुंभ के दौरान प्रयागराज संगम तट पर कैबिनेट बैठक में विंध्य एक्सप्रेस-वे के निर्माण को मंजूरी दी। यह 320 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे प्रयागराज वाराणसी मीरजापुर चंदौली और सोनभद्र को जोड़ेगा। इसके अलावा विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे और प्रयागराज में नए ब्रिज के निर्माण को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई। बैठक में कनेक्टिविटी विकास क्षेत्र युवाओं को टैबलेट वितरण और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना जैसे प्रस्तावों को भी मंजूरी मिली।

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    योगी कैबिनेट में विंध्य एक्सप्रेस-वे को मंजूरी। जागरण

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। पिछले कुंभ में गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का बड़ा निर्णय लेने वाली योगी सरकार ने इस महाकुंभ में भी प्रदेश के लोगों को विंध्य एक्सप्रेस-वे का उपहार दिया है। 320 किमी लंबाई का विंध्य एक्सप्रेस-वे प्रयागराज, वाराणसी, मीरजापुर, चंदौली और सोनभद्र को जोड़ेगा।

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    संगम तट पर हुई विशेष कैबिनेट बैठक में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का भी विस्तार किया जाएगा और इसे काशी व पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा।योगी सरकार ने अपने लोक कल्याण के संकल्प के तहत कई अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी।

    विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को सैद्धांतिक सहमति 

    बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों उप मुख्य मंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के साथ पत्रकारों के समक्ष आए और बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विंध्य एक्सप्रेस-वे के साथ ही 100 किमी लंबाई वाले विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को सैद्धांतिक सहमति दी गई है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कनेक्टिविटी नेटवर्क विकास और औद्योगिक परियोजनाओं का विकास हो रहा है। वर्तमान में प्रदेश के पश्चिमांचल, मध्यांचल, पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र एक्सप्रेसवे से आच्छादित हैं। अब दूरवर्ती दक्षिणी-पूर्वी विंध्य क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना आवश्यक है।

    इस दृष्टि से प्रयागराज मीरजापुर, वाराणसी, चंदौली एवं सोनभद्र को जोड़ते हुए 320 किलोमीटर लंबाई वाले नए नए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। इस नए एक्सप्रेस का प्रारंभ बिंदु प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे होगा जबकि सोनभद्र में एनएच-39 पर इसका समापन होगा।

    इस तरह गंगा एक्सप्रेसवे और विंध्य एक्सप्रेसवे की सीधी कनेक्टिविटी होगी, साथ ही, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में झारखंड से भी अच्छा संपर्क स्थापित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में विंध्य एक्सप्रेस-वे पर चंदौली से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु गाजीपुर तक विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे का भी निर्माण किया जाएगा।

    नए ब्रिज का निर्माण

    प्रयागराज को बड़ा उपहार देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि यहां सलोरी से हेतापट्टी तक नए ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। शास्त्री ब्रिज और यमुना सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर नए ब्रिज को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तीनों ब्रिज स्मार्ट प्रयागराज की परिकल्पना को साकार करेंगे।

    कैबिनेट के अन्य निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रयागराज, वाराणसी और आगरा म्युनिसिपल कारपोरेशन को बांड जारी करने की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही 2018 में बनाई गई एयरोस्पेस डिफेंस पालिसी के नवीनीकरण का निर्णय भी किया।

    उन्होंने बताया कि प्रयागराज-चित्रकूट डेवलमेंट जोन और वाराणसी-विंध्य डेवलपमेंट जोन के रूप में दो सतत विकास क्षेत्र घोषित किए गए हैं। अभियोजना निदेशालय को स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मीरजापुर में दस हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।

    युवाओं को टैबलेट बांटने के लिए भी स्वीकृत दी गई है। बलरामपुर में केजीएमयू के सेटलाइट सेंटर को मेडिकल कालेज बनाया जाएगा। इसके अलावा बागपत, हाथरस व कासगंज में पीपीपी माडल पर नए मेडिकल कालेज खोलने की स्वीकृति भी मिली है।

    टाटा टेक्नालाजी से मिलकर 62 आइटीआइ और पांच ट्रेनिंग सेंटर को उच्चीकृत किया जाएगा। गंगा तीरे बने त्रिवेणी संकुल में हुई कैबिनेट बैठक में सभी कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री गणों की उपस्थिति रही।

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