Vande Bharat Train : 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में लगा पानी पर चल रही ट्रेन..., यह अनोखा अनुभव लोको पायलट ने बयां किया
Vande Bharat Train वाराणसी-खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस का छिवकी स्टेशन पर भव्य शुभारंभ हुआ। लोको पायलट ने 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार का अनोखा अनुभव साझा किया। प्रयागराज को पांचवीं वंदे भारत मिलने से काशी, विंध्याचल, चित्रकूट और खजुराहो जैसे धार्मिक स्थल जुड़ गए हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पहले दिन बनारस से पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाई और स्कूली बच्चों को पुरस्कृत किया गया।

Vande Bharat Train प्रयागराज के छिवकी रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाते विशिष्टजन। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Vande Bharat Train वाराणसी से खजुराहो की ओर दौड़ती वंदे भारत एक्सप्रेस जब आगे बढ़ी, तो महज पांच मिनट में स्पीडोमीटर ने 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार छू ली। ट्रेन में कोई झटका नहीं, कोई शोर नहीं। ऐसा लगा जैसे पटरी पर नहीं, पानी पर फिसल रही हो। यह अनोखा अनुभव लोको पायलट सचेंद्र कुमार पांडेय का था, जो वाराणसी-खजुराहो वंदे भारत को छिवकी तक लेकर आए।
प्रयागराज निवासी लोको पायलट की जुबानी
Vande Bharat Train प्रयागराज छिवकी रेलवे स्टेशन पर इस वंदे भारत के लोको पायलट सचेंद्र कुमार पांडेय ने उत्साह से कहा, “अहो भाग्य! छिवकी की पहली वंदे भारत को मैं ही चला रहा हूं”। मूल रूप से जिले में नवाबगंज के कंजिया अटरामपुर के रहने वाले सचेंद्र अब रसूलाबाद में परिवार के साथ हैं, माता-पिता गांव में ही। हंडिया से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा लिया और 2003 में रेलवे में भर्ती हुए। शनिवार का दिन उनके लिए यादगार बन गया। उन्होंने दर्जनों तस्वीरें खींची ताकि यह सुखद याद हमेशा ताजा रहे।
सहायक लोको पायलट थीं सुष्मिता
Vande Bharat Train ट्रेन की सहायक लोको पायलट सुष्मिता उनके साथ थीं। छिवकी पहुंचकर सचेंद्र ने ट्रेन वीके सिंह और मनोज गुप्ता को सौंपी, जो खजुराहो तक ले गए। इस सेक्शन में स्पीड 110 किमी प्रति घंटे रखी गई, क्योंकि अभी यही अधिकतम सीमा है। वंदे भारत की स्मूथ राइड और पहले संचालन ने सचेंद्र को गौरवान्वित कर दिया। वे मुस्कुराते हुए बोले “बहुत ट्रेन चलाई लेकिन ऐसा शानदार अनुभव पहले कभी नहीं हुआ। यह ट्रेन तेज है, आरामदायक है, भरोसेमंद है और यात्रा को सपनों सा बना देती है।”
प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर वंदे भारत का भव्य स्वागत
प्रयागराज के लोगों को बधाई, उन्हें छिवकी स्टेशन से वाराणसी-खजुराहो के बीच चलने वाली वंदे भारत मिल गई है। शनिवार को प्रयागराज छिवकी रेलवे स्टेशन पर ठीक 11:27 बजे भगवा रंग की चमचमाती वंदे भारत एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। जैसे ही ट्रेन रुकी, पूरा स्टेशन 'हर हर गंगे' और भारत माता की जय' के नारों से गूंज उठा। सैकड़ों लोग तालियां बजाने लगे।
आचार्यों ने किया स्वास्तिवाचन
आचार्यों ने स्वास्तिवाचन किया, शंख ध्वनि की, फूल, हल्दी और अक्षत छिड़ककर नगर देवता भगवान वेणी माधव से ट्रेन की सुरक्षित यात्रा की प्रार्थना की। ट्रेन से उतरते ही लोको पायलटों का फूलमालाओं से भव्य स्वागत हुआ। यह छिवकी स्टेशन की पहली वंदे भारत ट्रेन है, जो यहां रुकेगी है। जबकि दिल्ली (दो), आगरा और गोरखपुर की वंदे भारत के बाद प्रयागराज को मिलने वाली यह पांचवीं वंदे भारत है।
पर्यटक व श्रद्धालु होंगे लाभान्वित
इस ट्रेन से काशी विश्वनाथ वाराणसी, मां विंध्यवासिनी धाम विंध्याचल, प्रभु श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट, प्रयागराज का संगम और खजुराहो के यूनेस्को विश्व धरोहर अब आसानी से जुड़ गए हैं। इससे पर्यटक और श्रद्धालु दोनों लाभान्वित होंगे।
बनारस में पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाई
पहले दिन स्पेशल ट्रेन के रूप में यह ट्रेन बनारस से पीएम मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाने के बाद यहां पहुंची। पांच मिनट ठहराव के बाद 11.32 बजे महापौर गणेश केसरवानी ने हरी झंडी दिखाकर इसे खजुराहो के लिए रवाना किया।
इन गणमान्य लोगों ने किया ट्रेन का स्वागत
महापौर गणेश केसरवानी ने कहा, "छिवकी को पहली वंदे भारत देने के लिए मैं प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का आभार व्यक्त करता हूं।" विधायक दीपक पटेल ने उत्साह जताते हुए कहा, "यह ट्रेन वाराणसी, प्रयागराज और खजुराहो जैसे धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ेगी, इससे क्षेत्र में नई ऊर्जा आएगी।" एडीआरएम दीपक कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि छिवकी स्टेशन पर यात्रियों के लिए उन्नत सुविधाएं विकसित की गई हैं। समारोह में विधायक गुरु प्रसाद मौर्य समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
शाम को पहुंच गई खजुराहो
वंदे भारत की यह नई सेवा पहले दिन स्पेशल ट्रेन के रूप में वाराणसी कैंट, विंध्याचल, प्रयागराज छिवकी, चित्रकूट, बांदा और महोबा में रुकते हुए सवा पांच घंटे की जगह पौने पांच घंटे में ही 4.17 बजे खजुराहो पहुंची। ट्रेन में कुल आठ कोच हैं, जिनमें सात चेयर कार और एक एग्जीक्यूटिव चेयर कार है।
छवकी में पांच-पांच मिनट का ठहराव
मंडल पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि दोनों दिशाओं में छिवकी पर पांच-पांच मिनट का ठहराव होगा। अन्य स्टेशनों पर दो-दो मिनट ट्रेन रुकेगी। ट्रेन हर सप्ताह गुरुवार को छोड़कर बाकी सभी दिनों चलेगी। नियमित संचालन की तारीख जल्द घोषित की जाएगी।
पुरस्कृत हुए स्कूली बच्चे
ट्रेन के शुभारंभ से पहले स्टेशन पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर चला। स्कूली बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दी। इस दौरान निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इसमें ब्रिजराज सिंह गर्ल्स पीजी कालेज नैनी की अनामिका ने निबंध में पहला स्थान हासिल किया। श्वेतांजलि दूसरे और खुशी यादव तीसरे स्थान पर रहीं। चित्रकला में जैनब खातून प्रथम, दीक्षा गिरी द्वितीय और आकांक्षा तृतीय रहीं। इसी तरह इंद्रा गर्ल्स जूनियर हाई स्कूल नैनी की तनु सिंह ने निबंध में पहला, सगुन कृष्णा दूसरा और माही पथिक तीसरा स्थान पाया। चित्रकला में अथर्व कुमार कृष्णा प्रथम, वंश पथिक द्वितीय और अक्षय पटेल तृतीय रहे। सभी विजेताओं को मंच पर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन वासुदेव पांडेय ने कुशलता से किया।
नियमित संचालन पर क्या होगी समय सारिणी?
Vande Bharat Train वाराणसी (26422) से सुबह 5.25 बजे चलेगी, विंध्याचल सुबह 6.55 बजे, प्रयागराज छिवकी सुबह आठ बजे (पांच मिनट ठहराव, चित्रकूट धाम सुबह 10.05 बजे, बांदा सुबह 11.08 बजे, महोबा दोपहर 12.08 बजे व खजुराहो दोपहर 1.10 बजे पहुंचेगी। वापसी में खजुराहो (26421) से अपराह्न 3.20 बजे चलेगी, महोबा शाम 4.18 बजे, बांदा शाम 5.13 बजे, चित्रकूट धाम शाम 6.13 बजे, प्रयागराज छिवकी: रात 8.20 बजे, विंध्याचल रात 9.10 बजे व वाराणसी रात 11 बजे पहुंचेगी।

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