UPPSC-PCS 2024 की डेट पर संशय, पीसीएस 2025 भर्ती भी हो सकती है लेट
UPPSC PCS 2024 की प्रारंभिक परीक्षा की तारीख तय नहीं हो पा रही है। आरओ-एआरओ पेपर लीक के कारण आयोग एक साल पीछे चल रहा है। मानक के अनुसार केंद्र नहीं मिल रहे हैं और दो दिवसीय परीक्षा को लेकर प्रतियोगी संतुष्ट नहीं हैं। अगर आयोग जल्द समाधान नहीं निकालता है तो वर्ष 2025 के कैलेंडर में पीसीएस समेत कई भर्ती परीक्षाएं प्रभावित हो सकती हैं।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा-2024 के आयोजन में हिचकोले खा रहे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के जल्द पटरी पर लौटने की उम्मीद कम है। काफी कोशिशों के साथ पिछले दो वर्षों से भर्तियों को पटरी पर लाने में सफल हुए आयोग के लिए आरओ-एआरओ पेपर लीक होना भारी पड़ गया। इससे आयोग एक साल पीछे चला गया है।
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए मानक के अनुसार केंद्र नहीं मिल रहे, परीक्षा तिथि तय नहीं है और दो दिवसीय परीक्षा के विकल्प पर प्रतियोगी संतुष्ट नहीं हैं। आयोग जल्द समाधान की ओर नहीं जाता तो वर्ष 2025 के कैलेंडर में पीसीएस समेत कई भर्ती परीक्षाएं प्रभावित हो सकती हैं।
आरओ-एआरओ पेपर लीक के बाद 17 मार्च को प्रस्तावित पीसीएस 2024 की प्रारंभिक परीक्षा टाली गई। फिर यह 27 अक्टूबर को प्रस्तावित की गई थी और अब दिसंबर में कराने की तैयारी है। सात और आठ दिसंबर को परीक्षा के लिए 51 जनपदों के जिलाधिकारियों से केंद्रों की सूची मांगी गई है। अब विवाद दो दिवसीय परीक्षा को लेकर है।
आयोग मानकों के अनुसार केंद्र नहीं मिलने की स्थिति में 5.70 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा एक दिन में कराने की स्थिति में नहीं है। दो दिन की परीक्षा पर प्रतियोगी छात्र नार्मलाइजेशन को लेकर विरोध कर हैं। उनका कहना है कि आयोग पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा दिसंबर में कराता है तो भी मुख्य परीक्षा, साक्षात्कार और फिर परिणाम जारी करने में अगला वर्ष भी कम पड़ सकता है। ऐसे में इसका सीधा असर पीसीएस-2025 की भर्ती पर पड़ना तय है।
साथ ही साथ राजकीय इंटर कालेजों में प्रवक्ता, सहायक अध्यापक एलटी ग्रेड, खंड शिक्षा अधिकारी भर्तियां भी प्रभावित होंगी। यह भर्तियां तीन से पांच साल से नहीं आई हैं और अभी नियमों का पेंच फंसा हुआ है।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने प्रश्न उठाया है मानक के अनुसार केंद्र नहीं मिलेंगे तो क्या परीक्षा लगातार बढ़ती रहेगी? आयोग को परीक्षा एक दिन में करानी होगी।
नया कैलेंडर तैयार करना चुनौती
आयोग की प्राथमिकता पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा कराना है, साथ ही नए वर्ष के लिए कैलेंडर भी तैयार करना है। ऐसे में नियम-प्रक्रियाओं के पेंच में फंसी कई भर्तियों को भी कैलेंडर में जगह मिलने की उम्मीद कम है। दूसरी ओर आरओ-एआरओ पेपर लीक जैसी कोई चूक सहने की स्थिति में आयोग नहीं है।
ऐसे में केंद्रों की कमी को दूर करने के लिए मानकों के अनुसार कोई रास्ता तलाशा जा रहा है। आयोग प्रतियोगी छात्रों के साथ वार्ता में कह चुका है कि परीक्षा अध्यादेश के प्रविधानों के अनुसार ही केंद्र निर्धारण होगा। इससे स्पष्ट है कि परीक्षा में किसी चूक को रोकने के लिए आयोग परीक्षा को और बढ़ाने से नहीं हिचकेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।