Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    UPPSC AE Exam: कटऑफ घटा कर पास होने वालों को मुख्य परीक्षा में बैठाने की मांग, अभ्यर्थियों ने आयोग को दिया पत्र

    Updated: Thu, 01 May 2025 08:20 PM (IST)

    UPPSC AE Exam यूपीपीएससी की सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा-2024 को लेकर अभ्यर्थियों ने बदलाव की मांग की है। कटऑफ घटाकर सामान्य वर्ग के लिए 30% और अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 25% करने की मांग की गई है। साथ ही प्रारंभिक परीक्षा के स्वरूप पर भी आपत्ति जताई गई है।

    Hero Image
    कटऑफ घटा कर पास होने वालों को मुख्य परीक्षा में बैठाने की मांग

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा-2024 को लेकर अभ्यर्थियों ने बदलाव की मांग की है। आयोग को पत्र सौंप कर कहा है कि कटआफ घटाकर सामान्य वर्ग के लिए 30 प्रतिशत और अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 25 प्रतिशत किया जाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन अंकों को प्राप्त करने वाले सभी उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाए, ताकि तकनीकी योग्यता की सही जांच हो सके। अभी आयोग ने 40 प्रतिशत कटआफ निर्धारित किया है, जिस आधार पर मुख्य परीक्षा के लिए चयन होगा।

    अभ्यर्थियों ने मुख्य आपत्ति प्रारंभिक परीक्षा के स्वरूप पर जताई है। कहा कि जिन पदों के लिए तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत है, जैसे-सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल अभियंता, उनमें सामान्य अध्ययन के 22 ऐसे विषयों को शामिल कर दिया गया है, जिनका तकनीकी ज्ञान से कोई संबंध नहीं है। इससे कई मेधावी तकनीकी परीक्षा तक पहुंचने से पहले ही बाहर हो सकते हैं।

    बीटेक जैसी व्यावसायिक पढ़ाई में लाखों रुपये और चार साल लगाए हैं, पर अब उन्हें गैर-तकनीकी परीक्षा के आधार पर बाहर किया जा रहा है, जो उचित नहीं है। यह भी बताया कि यूपीएससी और कई अन्य राज्य आयोगों में तकनीकी पदों के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण प्रतिशत 25 से 30 तक होता है। यूपी ब्रिज कार्पोरेशन और पावर कार्पोरेशन में भी केवल गेट स्कोर के आधार पर नियुक्तियां होती हैं।

    गलत प्रश्नों पर भी नाराजगी

    अभ्यर्थियों ने 20 अप्रैल को हुई प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए कई गलत या भ्रमित प्रश्नों को लेकर भी आपत्ति दर्ज की है। कहा है कि इन त्रुटिपूर्ण प्रश्नों के कारण छात्रों को नुकसान हुआ है। मांग की है कि सभी अभ्यर्थियों को ऐसे प्रश्नों के अंक दिए जाएं, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो।

    किसी रियायत की नहीं, बल्कि पारदर्शिता और तकनीकी योग्यता के सम्मान की मांग कर रहे हैं। यदि आयोग इन बिंदुओं पर विचार नहीं करता तो इससे तकनीकी शिक्षा और अभियंता बनने की प्रक्रिया पर गंभीर असर पड़ेगा।