'चयन प्रक्रिया में 15 गुना अभ्यर्थियों के नियम का किया पालन', PCS Prelims 2025 के रिजल्ट पर उठे सवालों पर UPPSC की सफाई
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2025 के परिणाम पर स्पष्टीकरण जारी किया है। आयोग ने कहा कि मुख्य परीक्षा के लिए 15 गुना ...और पढ़ें

पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2025 परिणाम पर अभ्यर्थियों द्वारा उइाए गए सवालों के बाद यूपीपीएससी ने स्पष्टीकरण दिया है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2025 के परिणाम को लेकर कुछ प्रतियोगी अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि आयोग ने विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप प्रति पद 15 अभ्यर्थियों का चयन मुख्य परीक्षा के लिए नहीं किया है। इस विवाद के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पूरी प्रक्रिया स्पष्ट कर अभ्यर्थियों से अनावश्यक भ्रम से बचने की सलाह दी है।
आयोग ने क्या कहा?
आयोग ने कहा है कि उसकी सभी परीक्षाओं में न्यूनतम दक्षता मानक के साथ अधियाचित पदों के सापेक्ष 15 गुना अभ्यर्थियों को श्रेष्ठताक्रम (मेरिट आर्डर) के आधार पर मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित करने का प्रविधान हर विज्ञापन में स्पष्ट रूप से निहित होता है। इसी नियम के तहत पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा-2025 का परिणाम भी घोषित किया गया है।
यूपीपीएससी ने अपना पक्ष रखा
आयोग ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए बताया कि पीसीएस, आरओ/एआरओ जैसी परीक्षाओं में सामान्य स्नातक अर्हता के साथ विशिष्ट अर्हताओं वाले पद जैसे उपनिबंधक, जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, एसीएफ/आरएफओ आदि भी शामिल होते हैं। इन पदों पर भी 15 गुना अभ्यर्थियों के चयन का प्रविधान लागू होता है, लेकिन यदि कोई अभ्यर्थी सामान्य अर्हता और विशिष्ट अर्हता दोनों श्रेणियों में सफल होता है तो परिणाम में उसका अनुक्रमांक केवल एक बार ही दर्शाया जाता है। इसी कारण कुल रिक्तियों के अनुपात में 15 गुने अभ्यर्थियों की संख्या कागज पर कम दिखाई देती है, जबकि वास्तविक चयन पूरा 15 गुना ही होता है। मुख्य परीक्षा के आवेदन में ऐसे अभ्यर्थियों को सभी योग्य पदों के विकल्प प्रदर्शित होते हैं।
प्राप्तांक, कट-आफ और उत्तर कुंजी पर आयोग का रुख
अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्तांक, कट-आफ और उत्तर कुंजी जारी करने की मांग पर आयोग ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की नीति का हवाला दिया। यूपीएससी के सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा–2025 से संबंधित 11 जून को जारी पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि प्रारंभिक परीक्षा के अंक, कट-आफ, अंतिम उत्तर कुंजी अंतिम परिणाम जारी होने के बाद ही वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी। आयोग ने यह भी बताया कि यूपीएससी द्वारा इस प्रक्रिया के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में अपना प्रतिशपथपत्र दाखिल किया गया था, जिसे न्यायालय ने न्यायोचित मानते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया। आयोग ने कहा कि वही प्रक्रिया यहां पहले से प्रचलन में है और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने उसकी वैधता को और मजबूती दी है।
मामला अभी उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन
आयोग ने बताया कि प्राप्तांक, कट-आफ और अंतिम उत्तर कुंजी जारी करने संबंधी मुद्दा वर्तमान में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित है (स्पेशल अपील)। ऐसे में अदालत के निर्णय के बाद आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी। साथ ही अभ्यर्थियों की समस्याओं के समाधान को लेकर हेल्पडेस्क स्थापित किया है। साथ ही शिकायतों के लिए ईमेल आईडी — online.uppsc@nic.in को सक्रिय बताया है।

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