UPPSC Assistant Professor Recruitment: असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में बड़ा बदलाव, UPPSC ने जारी किया नया प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। आयोग ने पीसीएस की तरह तीन चरणों - प्रारंभिक मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से भर्ती कराने का प्रस्ताव भेजा है। अब तक केवल साक्षात्कार के आधार पर चयन होता था लेकिन नई व्यवस्था से भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत होगी।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इस पद की भर्ती परीक्षा को पीसीएस की तरह तीन चरणों प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से कराने का प्रस्ताव शासन को आयोग ने भेजा है।
इसके बाद लंबे समय से चली आ रही केवल साक्षात्कार आधारित चयन प्रणाली समाप्त हो जाएगी। अब तक इस भर्ती के लिए पहले स्क्रीनिंग परीक्षा होती थी, जिससे साक्षात्कार के लिए प्रतियोगी शार्टलिस्ट किए जाते थे। चयन केवल साक्षात्कार के अंकों के आधार पर होता था।
स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक अंतिम चयन में नहीं जुड़ते थे। आयोग ने इस प्रणाली में बदलाव के लिए एक बार पहले भी शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसमें स्क्रीनिंग के 75 प्रतिशत और साक्षात्कार के 25 प्रतिशत अंकों को मिलाकर चयन करने की बात कही गई थी। हालांकि यह व्यवस्था ग्रुप-ए सेवाओं की नियमावली के अनुरूप नहीं थी।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग। जागरण
पीसीएस और असिस्टेंट प्रोफेसर दोनों ही ग्रुप-ए के पद हैं। नियमों के अनुसार, इस श्रेणी की भर्तियों में चयन की प्रक्रिया स्पष्ट और बहुस्तरीय होनी चाहिए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और योग्यतम अभ्यर्थियों का चयन सुनिश्चित हो सके। ऐसे में आयोग ने तीन चरणों की प्रतियोगी परीक्षा का प्रविधान तैयार किया।
यह बदलाव भर्ती प्रक्रिया को अधिक न्यायसंगत और पारदर्शी बनाएगा। उधर, उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से आयोग को 536 रिक्त पदों का अधियाचन भेजा जा चुका है। शासन से तीन चरणों वाली चयन प्रक्रिया की अनुमति मिलने पर आयोग इस पर अधिसूचना जारी करेगा और इसी अनुरूप भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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