यूपी में 2003 की मतदाता सूची में खंगाले जा रहे वोटर के पुराने रिकॉर्ड, डिटेल न मिलने पर भेजा जाएगा नोटिस
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 2003 की मतदाता सूची में वोटर के पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। मतदाता सूची में डिटेल न मिलने पर आगे की कार्रवाई की जा ...और पढ़ें

वोटर लिस्ट में मतदाताओं के खंगाले जा रहे पुराने रिकॉर्ड।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। एसआईआर अभियान में जिन मतदाताओं के न तो खुद और न ही उनके माता-पिता या दादा-दादी के नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में मिलेंगे, उनका ब्योरा एक अलग रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। चुनाव आयोग इन्हें नोटिस देने से पहले एक बार फिर वर्ष 2003 की मतदाता सूची में इनका या इनके परिवार के नाम की तलाश कर रहा है। कम से कम नोटिस जारी हों, इसके लिए आयोग यह कवायद कर रहा है।
आयोग मतदाताओं को तीन श्रेणियों में बांटकर सत्यापन प्रक्रिया अधिक स्पष्ट बना रहा है। पहली श्रेणी में वे मतदाता हैं जिनके नाम 2003 की सूची में हैं। इनका रिकॉर्ड उपलब्ध होने के कारण इनका सत्यापन सरल है। इन्हें प्रमाण पत्र नहीं देना है।
दूसरी श्रेणी उनकी है जिनके नाम 2003 की सूची में नहीं हैं लेकिन माता-पिता या दादा-दादी के नाम सूची में मौजूद हैं। ऐसे मामलों में परिवार के पुराने रिकार्ड पर सत्यापन होगा।
तीसरी श्रेणी के मतदाता जिनके न तो स्वयं के नाम और न ही उनके माता-पिता या दादा-दादी के नाम 2003 की मतदाता सूची में मिलते हैं। चुनाव आयोग तीसरी श्रेणी में शामिल मतदाताओं को नोटिस जारी करने से पहले एक बार फिर वर्ष 2003 की सूची में उनके या उनके परिवार के नाम खोजने की कोशिश करा रहा है।
आयोग का उद्देश्य किसी भी वास्तविक पात्र नागरिक का नाम सूची से न छूटने देना है। वहीं एएसडी वोटर्स के लिए मंगलवार से तीन दिन तक विशेष महाभियान चलाया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों लगाए गए जिला स्तरीय अधिकारी बूथों पर प्रतिदिन चार चरणों में जाएंगे।
पोर्टल पर एएसडी वोटर्स की सूची
एसआईआर अभियान में मिले एएसडी वोटर्स की संख्या कम करने के लिए सोमवार को राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी व डीएम मनीष कुमार वर्मा ने एएसडी मतदाताओं के पुन : सत्यापन तथा मैपिंग के कार्यों की प्रगति एवं गतिविधियों की जानकारी दी।
उन्होनें कहा कि बीएलओ के द्वारा बनाई गई मतदाताओं की एएसडी लिस्ट को सभी लोगो के साथ साझा किया गया है, यदि कोई व्यक्ति गलती से एएसडी लिस्ट में सम्मिलित हो गया है तो उसे 26 दिसंबर तक रोलबैक कराया जा सकता है। दलों के बीएलए पूरे डेडीकेशन के साथ लगकर बीएलओ का सहयोग करें, जिससे कोई भी पात्र मतदाता छूटने न पाए।
डीएम ने बताया कि बीएलओ द्वारा मृतक, पूर्ण रूप से स्थानांतरित, डुप्लीकेट/आल रेडी इनरोल्ड, अनुपस्थित एवं अन्य मतदाताओं को चिन्हित कर बनाई गई एएसडी लिस्ट सभी राजनैतिक दलों के बीएलए के साथ साझा किया गया है। सभी बूथों पर चस्पा भी कराया गया है।
एएसडी मतदाताओं की मतदेय स्थलवार सर्चेबल फार्मेट पर तैयार की गई लिस्ट को जनपद प्रयागराज की वेबसाइट पर अपलोड भी की गई है। किसी व्यक्ति का नाम एएसडी लिस्ट में गलत चिन्हित कर लिया गया है तो वह अपना बीएलओ अथवा ईआरओ से रोलबैक करा सकता है। अभी एएसडी वोटर्स पर विशेष फोकस कर उन्हें ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है।
डीएम ने बताया कि कुल 30,31,144 (86.15 प्रतिशत) मतदाताओं का डिजिटाइजेशन के अनुसार मैपिंग का कार्य सोमवार दोपहर दो बजे तक पूर्ण कर लिया गया है। भारत निर्वाचन आयोग के ईसीआइ नेट पोर्टल पर एएसडी श्रेणी के मतदाताओं की हिंदी अनुवादित सूची पूर्ण विवरण सहित डाउनलोड करने के लिए आप्शन उपलब्ध करा दिया गया है।
उन्होंने सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से सूची का अवलोकन स्वयं एवं अपने बीएलए के माध्यम से करवाने के लिए कहा है, जिससे कि कोई विसंगति पाई जाती है तो तत्काल सक्षम अधिकारी को अवगत कराते हुए उसे सही कराया जा सके।
नए वोटर के लिए बीएलओ के पास फॉर्म-6
डीएम ने बताया कि बीएलओ के पास फॉर्म-6 उपलब्ध हैं, जिन लोगो ने 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर लिया है लेकिन अभी तक उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है या ऐसे लोग जो एक जनवरी 2026 तक 18 वर्ष की आयु पूर्ण करेंगे या ऐसे मतदाता जो पूर्व में मतदाता थे लेकिन किन्हीं कारणों से सूची में उनका नाम नहीं है तो वह फॉर्म-6 भरें।
ऐसे मतदाताओं का नाम 28 फरवरी, 2026 के फाइनल ड्राफ्ट रोल में आएगा। नए वोटर्स बनाने जाने का अभियान चलाया जा रहा है। एडीएम प्रशासन पूजा मिश्रा मौजूद रहीं।

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