UP News: प्रयागराज समेत प्रदेश भर के संदिग्ध आबकारी निरीक्षक रडार पर, इस मामले में फंसी है अधिकारियों की गर्दन
आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार से जुड़ा एक मामला सामने आया है। यहां लखनऊ के सेक्टर 11 में तैनात सुनीता ओझा और आशुतोष उपाध्याय पर एक पशु आहर फैक्टरी से 50 हजार रुपये वसूली का आरोप है। आरोपी इंस्पेक्टर आशुतोष उपाध्याय प्रयागराज में तैनात हैं। दावा किया जा रहा है कि दोनों की कॉल डिटेल और लोकेशन निकालने पर आरोप की पुष्टि होगी।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। लखनऊ में पशु आहार कंपनी के मालिक तथा शीरा व्यापारी से अवैध वसूली के मामले में निलंबित करछना के आबकारी निरीक्षक आशुतोष उपाध्याय तथा लखनऊ में तैनात आबकारी इंस्पेक्टर सुनीता ओझा व सिपाही सुमंत मिश्र के खिलाफ मुख्यालय से विभागीय जांच होगी। इस बाबत आबकारी आयुक्त डा.आदर्श सिंह की ओर से निर्देश जारी हो गए हैं।
आबकारी विभाग के उप आयुक्त स्तर के अधिकारी विभागीय जांच करेंगे। दूसरी ओर प्रमुख सचिव तथा आबकारी आयुक्त के रडार पर प्रयागराज समेत प्रदेश भर के अन्य संदिग्ध आबकारी इंस्पेक्टर व अधिकारी आ गए हैं। इन अफसरों के कार्यों की मानीटरिंग के साथ समीक्षा भी होगी। इस मामले में मुकदमा भी दर्ज हो सकता है। इस प्रकरण में जांच का दायरा अब बढ़ेगा।
इसमें कई अन्य अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं। एक बड़े अफसर की भी भूमिका की जांच कराई जा सकती है। इसके साथ ही विभाग में जोर-शोर से चर्चा है कि उन आबकारी निरीक्षकों, प्रवर्तन के निरीक्षकों व सिपाहियों की भी गोपनीय जांच कराई जा सकती है जो अंग्रेजी शराब की प्रमुख दुकानों में पार्टनर हैं।
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इन दुकानों में आबकारी निरीक्षकों व सिपाहियों के स्वजन के नाम से काफी पैसा लगा है। इन्हीं निरीक्षकों के चलते ही दुकानें भी उनके चहेतों को मिल सकी हैं। प्रयागराज के करछना में तैनात आबकारी निरीक्षक द्वारा लखनऊ जाकर अवैध वसूली करने के मामले में प्रमुख सचिव आबकारी वीना कुमारी मीणा ने कड़ी नाराजगी जताई थी, जिसके चलते इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है।
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करछना इंस्पेक्टर के खिलाफ पहले भी शिकायतें की गई थीं। इस बाबत आबकारी उपायुक्त राजेंद्र कुमार का कहना है कि विभागीय जांच मुख्यालय से ही होगी। दूसरी ओर विभाग के प्रभारी अधिकारी व एडीएम वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह का कहना है कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर प्रशासन भी इन अधिकारियों पर नजर रखेगी। जांच में भी सहयोग किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ में कानपुर रोड स्थित अभिषेक अग्रवाल की कनक कैटल फील्ड फैक्ट्री में वहां तैनात सुनीता ओझा और सिपाही सुमंत रविवार की रात छापेमारी की थी। उनके साथ प्रयागराज में तैनात निरीक्षक आशुतोष भी थे। दरअसल, सुनीता कुछ माह पहले प्रयागराज के सोरांव सेक्टर में आबकारी निरीक्षक थीं।
आशुतोष और सुनीता के बीच अच्छी जान-पहचान है। विवाद बढ़ने पर अफसरों ने बंथरा थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया। व्यापारियों का आरोप है कि उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है। शराब की दुकानों से जबरन वसूली के मामले में लगभग एक सप्ताह पहले फूलपुर की आबकारी इंस्पेक्टर वंदना सिंह को भी आयुक्त द्वारा निलंबित किया जा चुका है।
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