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    युद्ध में भारतीय सैनिकों का दोस्त बन गोलाबारूद ढोएगा रोबोट, गर्मी से बचाएगी थर्मल जैकेट

    Updated: Sun, 11 May 2025 05:58 PM (IST)

    भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान प्रयागराज के वैज्ञानिकों ने सेना के लिए एक इंटेलिजेंट रोबोट बनाया है जो युद्ध में सैनिकों का साथी बनेगा और गोलाबारूद ढोएगा। यह जीपीएस सेंसर और एआई से लैस है। साथ ही मरुस्थलीय क्षेत्रों के लिए एक थर्मल जैकेट भी विकसित की गई है जो गर्मी से सैनिकों को राहत देगी। यह जैकेट 50 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी शरीर को ठंडा रखेगी।

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    सैनिकों के सहयोग के लिए तैयार इंटेलिजेंट रोबोट के प्रोटोटाइप के साथ अनुसंधानकर्ता डा. सूर्य प्रकाश व शोध छात्र।

    मृत्युंजय मिश्र, प्रयागराज। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइआइटी) के युवा वैज्ञानिकों ने सेना के लिए दो अत्याधुनिक रक्षा उपकरण विकसित कर नई मिसाल कायम की है। इन नवाचारों में पहला है एक इंटेलिजेंट रोबोट जो युद्धभूमि में सैनिकों का भरोसेमंद साथी बन सकता है, और दूसरा है थर्मल जैकेट जो घातक गर्मी से उनकी रक्षा करेगा। ये दोनों प्रोटोटाइप संस्थान के सेंटर फार इंटेलिजेंट रोबोटिक्स में विकसित किए गए हैं।

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    तेजी से बदलती वैश्विक सैन्य तकनीक के बीच, यह पहल भारतीय सेना को स्मार्ट टेक्नोलाजी से लैस करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल देश की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाई देगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की सोच को भी साकार करेगा।

    बड़े आपरेशन के दौरान सैनिक को अपने साथ काफी साजो सामान लेकर चलना पड़ता है। जो उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। इसका हल खोजते हुए इंटेलीजेंट रोबोट तैयार किया गया है। यह न केवल भारी भरकम सैन्य साजो-सामान को ढो सकेगा, बल्कि युद्धभूमि में सैनिक का साथ भी देगा।

    जीपीएस, सेंसर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) जैसी उन्नत तकनीकों से लैस रोबोट स्वयं निर्णय लेने और स्थिति के अनुसार कार्य करने में सक्षम होगा। इलेक्ट्रानिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ईसीई) विभाग के डा. सूर्य प्रकाश के नेतृत्व में बीटेक छात्रों कविन प्रकाश, शौर्य जैन, विधि अग्रवाल और मलय चौधरी ने इस प्रोटोटाइप को तैयार कर लिया है।

    रोबोट के परीक्षण में मिली सफलता

    यह रोबोट न केवल दुर्गम क्षेत्रों में सैनिकों के साथ-साथ चलेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर घायल सैनिक को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने की क्षमता भी रखेगा। यह अपने लक्ष्य की पहचान कर, लक्ष्य तक पहुंचने का सर्वोत्तम मार्ग खुद चुन सकता है और मिशन पूरा होने के बाद निर्धारित स्थान पर स्वतः लौट भी सकता है। इस रोबोट का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और अब इसकी संचालन अवधि बढ़ाने पर कार्य किया जा रहा है, ताकि यह अधिक समय तक सक्रिय रह सके। अब विज्ञानी इसको स्वायत्त रोबोट के रूप में विकसित करने पर काम कर रहे हैं।

    प्रचंड गर्मी में भी शरीर को ठंडा रखेगा थर्मल जैकेट

    दूसरी परियोजना के तहत मरुस्थलीय इलाकों में तैनात सैनिकों के लिए एक स्मार्ट थर्मल जैकेट तैयार की गई है। यह जैकेट भीषण गर्मी में भी सैनिकों को राहत प्रदान करेगी। अनुसंधानकर्ता प्रो. जीसी नंदी और डा. सूर्य प्रकाश के अनुसार यह जैकेट विशेष रूप से गर्म वातावरण में काम करने वाले रक्षा कर्मियों और श्रमिकों के लिए बनाई गई है। जिससे 50 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी यह जैकेट पहनकर आपरेशन को आसनी से किया जा सकेगा।

    इस काम के लिए जैकेट में दो थर्मोइलेक्ट्रिक कूलर लगाए गए हैं जो गर्म हवा को बाहर और ठंडी हवा को अंदर भेजते हैं, जिससे जैकेट के अंदर का तापमान बाहर की तुलना में तीन से चार डिग्री तक कम हो जाता है।

    वह कहते हैं कि जैकेट को पोर्टेबल पावर स्टोरेज बेल्ट से जोड़ा गया है, जिससे इसकी ऊर्जा आवश्यकताएं पूरी होती हैं। इसकी दक्षता और हल्केपन को बनाए रखा गया है। यह प्रोटोटाइप भी सफलतापूर्वक विकसित कर लिया गया है, और इसका पेटेंट भी फाइल कर दिया गया है। इस जैकेट के निर्माण में तीन वर्ष लगे। जिसे डा. सूर्य प्रकाश के साथ बीटेक छात्र हर्ष कुमार, स्मित शिंदे, जी. नरेश बाबू और एम. कविन प्रकाश ने तैयार किया है।

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