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    शुभम की अस्थियां विसर्जित कर रो पड़े पिता, फफकती रहीं पत्नी; विसर्जन के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ जबरजस्त उबाल

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी की अस्थियां संगम में विसर्जित की गईं। परिवार और शुभचिंतकों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पाकिस्तान के खिलाफ लोगों में आक्रोश था। शुभम की पत्नी एशान्या का रो-रो कर बुरा हाल था। शुभम के अंतिम संस्कार में शहर के कई नेता भी शामिल हुए।

    By GYANENDRA SINGH1 Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 03 May 2025 08:17 PM (IST)
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    शुभम की अस्थियां विसर्जित कर रो पड़े पिता, फफकती रहीं पत्नी

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में जान गवांने वाले कानपुर के शुभम द्विवेदी की अस्थियां शनिवार दोपहर गम और गुस्सा के बीच संगम में विसर्जित की गईं। इस दौरान पिता संजय द्विवेदी की आंखें डबडबा आईं तो पत्नी एशान्या द्विवेदी फफक पड़ीं।

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    संगम पर मौजूद लोगों के भी आंसू छलक गए। स्नानार्थियों से लेकर नाविकों, घाटियों और तीर्थ पुरोहितों तक ने अस्थि कलश पर श्रद्धांजलि अर्पित की। हर चेहरे पर पाकिस्तान के खिलाफ जबरजस्त गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था। कर्मकांड कराने वाले भी गम में डूब गए। उन्होंने आतंकियों को कायर बताया।

    पहलगाम में 22 अप्रैल को जब आतंकियों ने हमला किया था, उस दौरान कानपुर के शुभम द्विवेदी और उनकी पत्नी एशान्या द्विवेदी भी थीं। आतंकियों ने शुभम की भी गोली मारकर निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी। शुभम की अस्थियां लेकर उनके परिवार के लोग शनिवार दोपहर को संगम पहुंचे।

    किला के पास वीवीआइपी घाट से फ्लोटिंग जेटी से सभी लोगों को प्रशासन की ओर संगम पहुंचाया गया। इस दौरान जब लोगों को पता चला कि पहलगाम में आतंकी हमले में जान गंवाने वाले शुभम की अस्थियां लाई गईं हैं तो काफी संख्या में लोग जुट गए।

    स्नानार्थियों से लेकर नाविकों और तीर्थ पुरोहितों तक भीड़ जुट गई। माला-फूल बेचने वालों से लेकर स्वच्छता कर्मी भी पहुंच गए। सभी ने अस्थि कलश पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद कर्मकांड कराकर पिता व चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने अस्थियां संगम में प्रवाहित की।

    तीर्थ पुरोहित सोमेश्वर पांडेय सोमू व गणेश मिश्रा बच्चा ने अस्थि विसर्जन कार्यक्रम कराया। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों की भी आंखें भर आईं। उन्होंने इसे कायरतापूर्ण हरकत बताया। यहां से सभी लोग किला घाट वीआइपी घाट लौट आए और वहां से परिवार के लोग कानपुर रवाना हो गए।

    अपनी जन्मतिथि पर भाई की अस्थियां लेकर आए सौरभ

    शुभम के चचेरे भाई सौरभ के लिए ये दुखद पल कभी जीवन में भूलने वाले नहीं था। दरअसल, सौरभ की शनिवार को जन्मतिथि रही। पिछले वर्ष शुभम ने ही चचेरे भाई सौरभ की जन्मतिथि की पार्टी कानपुर के एक क्लब में दी थी।

    यह बताते हुए सौरभ रो पड़े। बोले, आतंकियों ने जितना दुख और दर्द उनके परिवार को दिया है, उसका बदला ईश्वर अवश्य लेगा। सौरभ ने बताया कि पिछले वर्ष का जन्मदिन बड़े भैया शुभम की मौजूदगी में बहुत धूमधाम तरीके से मनाया गया था।

    पति की फोटो सीने से लगाए रो रहीं थीं एशान्या

    पहलगाम में हुए आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। इस दौरान 26 घरों के चिराग बुझ गए और शायद ही यह गम वो 26 परिवार कभी भूल पाएं। इनमें से कुछ युगल कश्मीर घूमने गए थे। दो जोड़े ऐसे थे, जिनमें से एक की शादी को सिर्फ छह दिन हुए थे, तो दूसरे शुभम के विवाह को दो माह बीते थे।

    शुभम की भी आतंकियों ने हत्या कर दी थी। अस्थि विसर्जन के दौरान उनकी पत्नी एशान्या का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था। वह वीआइपी घाट पर शुभम की फोटो को सीने से लगाकर रोती रहीं। परिवार के लोग उन्हें संभालते रहे मगर उनके आंसू नहीं थम रहे थे।

    परिवार के चिराग थे शुभम, पत्नी के सामने ही उजड़ा सुहाग

    कानपुर में चकेरी क्षेत्र के श्यामनगर स्थित ड्रीमलैंड अपार्टमेंट में रहने वाले 26 वर्षीय शुभम का परिवार तीन पीढ़ियों से सीमेंट का कारोबार करता है। तीसरी पीढ़ी का काम शुभम के हाथों में था। शुभम ने एमबीए किया था। सीमेंट के काम का पूरा भार अब शुभम के कंधों पर था।

    वह अपने परिवार के इकलौते चिराग थे, सबसे पहले आतंकियों ने निर्ममता से हत्या की थी। पत्नी एशान्या ने अपने सुहाग को बचाने के लिए आगे बढ़ीं थीं मगर उन भेड़ियों ने एक न सुनीं और बेदर्दी से मार दिया था। दहशत में पत्नी के मुंह से एक शब्द नहीं निकल सके थे। शुभम की शादी 12 फरवरी 2025 को कानपुर के यशोदा नगर में हुई थी।

    महापौर समेत भाजपा व कांग्रेस नेताओं ने भी दी श्रद्धांजलि

    शुभम का अस्थि कलश संगम पर पहुंचा तो महापौर गणेश केसरवानी समेत भाजपा व कांग्रेस नेताओं ने भी श्रद्धांजलि दी। महापौर ने परिवार के लोगों को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि शुभम की मौत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। बोले, यह हमला देशभर में आक्रोश का कारण बना है।

    महापौर ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए शोकाकुल परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस दौरान पार्षद दिग्विजय कुशवाहा, तीर्थराज पांडेय, सुभाष चंद्र वैश्य, भरत निषाद, राजेश पाठक, हिमालय सोनकर, विवेक मिश्रा उपस्थिति रहे।

    वहीं कांग्रेस के भी कई नेता अस्थि विसर्जन में शामिल हुए। पूर्व महानगर अध्यक्ष प्रदीप कुमार मिश्र अंशुमन ने कहा कि आतंकवाद का सफाया हो और शुभम द्विवेदी को शहीद का दर्जा मिले। कांग्रेस नेता विनय पांडेय और लल्लन पटेल ने कहा कि आतंकवाद हिंदुस्तान के लिए नासूर बन गया है। पाकिस्तान को इसका करारा जवाब मिलना चाहिए। श्वेता श्रीवास्तव, चंद्र विशाल, अब्दुल कलाम आजाद, बृजेश सिंह, इरशाद उल्ला, अभिषेक कुमार उपस्थित रहे।