तीन करोड़ के 'अंधकार' में डूबा श्रीराम-निषादराज मिलन स्थल शृंगवेरपुर धाम, कागजों पर ही जगमगा रहा गंगा घाट
शृंगवेरपुर धाम, श्रीराम और निषादराज के मिलन का प्रतीक, तीन करोड़ की लागत के बावजूद अंधेरे में डूबा है। गंगा घाट की सीढ़ियाँ रेत और कचरे से भरी हैं, और नालों का पानी सीधे गंगा में गिर रहा है। सरकारी कागजों में विकास दिखने के बावजूद, शौचालय बंद हैं और बारादरी के पत्थर उखड़ गए हैं। श्रद्धालु और स्थानीय लोग अव्यवस्था से परेशान हैं, क्योंकि विकास केवल फाइलों में ही दिखाई देता है।

ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल शृंगवेरपुर धाम के श्री रामघाट पर फैली गंदगी को दिखाता स्थानीय व्यक्ति। जागरण
गोपाल पांडेय, शृंगवेरपुर (प्रयागराज)। कागजों पर शृंगवेरपुर धाम का श्रीराम घाट जगमगाता है, पर्यटन सुविधाओं से लैस बताया जाता है, पर हकीकत इससे उलट है। तीन करोड़ की लाइटें लगीं पर घाट अंधेरे में डूबा है। सोलर पैनल गायब, मरकरी खराब और मंदिर के गर्भगृह तक रोशनी पहुंचनी बंद हो गई है। घाट की सीढ़ियां रेत और कचरे से पटी हैं, नालों का गंदा पानी सीधे गंगा जी में गिर रहा है।
बारादरी के उखड़ चुके पत्थर
यहां के सार्वजनिक शौचालयों पर वर्षों से ताले लटके हैं, बारादरी के पत्थर उखड़ चुके हैं, जबकि सरकारी कागजों में सब कुछ 'सुधरा हुआ' दिखाया जा रहा है। श्रद्धालु और स्थानीय लोग कहते हैं 'यहां विकास फाइलों में है, धरातल पर नहीं।'
त्रेता युग की गवाही देता है शृंगवेरपुर धाम
श्रीराम और निषादराज गुह की ऐतिहासिक मित्रता की गवाही देने वाले धाम की चर्चा सरकार और विपक्ष गाहे बगाहे अपने संबोधनों में करते हैं। लेकिन, यह धाम आज व्यवस्था की उदासी में खो गया है, जहां भक्ति की ज्योति भी सरकारी लापरवाही के अंधेरे में टिमटिमा रही है।
पर्यटकों के आकर्ष को लगी फसाड लाइटें खराब
पर्यटन विभाग द्वारा श्रृंगी ऋषि मंदिर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण के लिए करीब तीन करोड रुपये से अधिक लागत से फसाड लाइटें लगवाई गई हैं। लेकिन हालात यह हैं कि अधिकांश लाइटें खराब पड़ी हैं। मंदिर के गर्भ गृह में लगी दो लाइटें लगने के कुछ माह बाद से ही खराब पड़ी हैं।
घाट पर लगे सोलर पैनल व मरकरी गायब
मां शांता शृंगी ऋषि मंदिर के सहायक पुजारी सूरज माली ने बताया कि घाट पर लगे सोलर पैनल और मरकरी भी गायब हो गई हैं। रात होते ही घाट अंधेरे में डूब जाता है। जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को काफी असुविधा हो रही है। भारत भूषण बताते हैं कि लाइटें लगने के कुछ ही महीनों बाद खराब हो गईं। उनकी मरम्मत आज तक नहीं कराई गई। राहुल श्रीमाली ने बताया कि श्रृंगी ऋषि मंदिर के गर्भगृह में लगी लाइट भी खराब पड़ी है। शृंगी ऋषि मंदिर में लगभग 58 फसाड लाइटें लगाई गई हैं। जिनमें कई खराब हैं।
श्रीराम घाट पर फैली गंदगी
श्री राम घाट पर गंदगी और सीढ़ियों पर परत दर परत रेत ने पवित्र स्थल की सुंदरता बिगाड़ दी है। घाट की सीढ़ियों पर प्लास्टिक, फूलमालाएं और पूजा की सामग्री बिखरी रहती हैं। घाट पर बने चेंजिंग रूम में बांस, रेत और गंदगी फैली है। दरवाजा जर्जर पड़ा है।
विद्यार्थी घाट पर भी अव्यवस्था का बोलबाला
विद्यार्थी घाट पर कदम रखते ही ऐसा लगता है जैसे समय ने यहां ठहराव कर लिया हो। जहां शृंगी ऋषि अपने वेद पाठशाला में ज्ञान बांटते थे, वही किनारे आज स्नान करते श्रद्धालु और ध्यान करने वाले विद्यार्थी देखे जा सकते हैं। पर घाट की टूटी रेलिंग, फिसलन भरी सीढ़ियां और बिखरी सफाई व्यवस्था इस पवित्र स्थल की गरिमा को कमजोर करती हैं। घाट की हवा में अभी भी मंत्रों की प्रतिध्वनि सुनाई देती है, लेकिन प्रशासनिक अनदेखी इसे हर रोज थोड़ा और खोखला बना देती है।
पावन धाम की धार्मिक और पर्यटन की गरिमा बनी रहे
यहां राधा कृष्ण और शंकर भगवान का मंदिर स्थित है। यहां बने सार्वजनिक शौचालय का ताला हमेशा बंद रहता है। पर्यटन विभाग द्वारा बनाई गई बारादरी में लगाए गए पत्थर निकल गए हैं। निर्मल बाबा कहते हैं कि प्रशासन और पर्यटन विभाग तत्काल शृंगवेरपुर धाम की लाइट व्यवस्था दुरुस्त करे। घाटों की साफ-सफाई नियमित रूप से कराई जाए, ताकि यह पावन धाम अपनी धार्मिक और पर्यटन की गरिमा बनाए रख सके।
गंगा में जा रहा नाले का पानी
घाट पर खानपान के अलावा तमाम तरह की दुकानें स्थित हैं। घाट के मुख्य द्वार से नीचे उतरते ही नालियों पर लगी लोहे के जाली चोरी हो गई है। उसे वैकल्पिक व्यवस्था से बंद किया गया है। घाट की सीढ़ियों के बगल जाकर नाला से बह रहा पानी सीधे गंगा जी में गिर रहा है। जिसकी सुधि नहीं ली जा रही है। श्री राम घाट पर स्थित सार्वजनिक शौचालय पर्यटन विभाग द्वारा बनवाए गए हैं। विगत दो वर्ष से इसमें ताला जड़ा है। लोगों ने इसका कभी प्रयोग भी नहीं किया तब भी पर्यटन विभाग ने उसमें मरम्मत का काम शुरू कर दिया है।
निषाद राज मंदिर की नहीं पर्यटन विभाग को सुध
श्री राम घाट पर स्थित निषाद राज की मंदिर और उसके परिसर में अभी तक पर्यटन विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का सौंदर्य करण या निर्माण कार्य नहीं हुआ है। निषाद समाज के लोगों की फिलहाल इस ओर निगाहें टिकी हैं।

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