Mahakumbh 2025: BJP विधायक व एक किन्नर सहित 17 संत बने महामंडलेश्वर, श्री महानिर्वाणी अखाड़े में किया गया पट्टाधिषेक
पांच अखाड़ों ने 17 संतों का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी। महामंडलेश्वर बनने वालों में पीलीभीत की बरखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक जयदर्थ उर्फ प्रवक्तानंद और एक किन्नर भी शामिल हैं। महामंडलेश्वर बनने के बाद सनातन धर्म के प्रति जिम्मेदारी बढ़ गई है। मतांतरण लव जिहाद नशाखोरी अशिक्षा की समस्या दूर करने के लिए समर्पित भाव से काम करना है।

जागरण संवाददाता, महाकुंभनगर। सनातन धर्म के उत्थान, उसके संस्कार व संस्कृति के प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से पांच अखाड़ों ने 17 संतों का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी। महामंडलेश्वर बनने वालों में पीलीभीत की बरखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक जयदर्थ उर्फ प्रवक्तानंद और एक किन्नर भी शामिल हैं।
श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल से जुड़कर विधिवत संन्यास लिया। अक्रिय धाम खमरिया पीलीभीत के पीठाधीश्वर प्रवक्तानंद का अखाड़े ने पट्टाभिषेक करके महामंडलेश्वर की उपाधि दी। अब वह महामंडलेश्वर स्वामी प्रवक्तानंद अक्रिय श्रीहरि के नाम से जाने जाएंगे। इनके साथ गुजरात के गांधीनगर की साध्वी डॉ. गीता श्रीहरि को निर्मल अखाड़ा ने महामंडलेश्वर बनाया।
संतों को चादर ओढ़ाकर पहनाया गया माला
अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञान देव सिंह, आचार्य महामंडलेश्वर साक्षी महाराज, सचिव देवेंद्र सिंह शास्त्री सहित समस्त संतों ने दोनों संतों को चादर ओढ़ाकर माला पहनाया। श्रीमहानिर्वाणी अखाड़ा ने राजस्थान उदयपुर के हितेश्वरानंद सरस्वती का पट्टाभिषेक किया।
संतों ने विधि-विधान से किया अभिषेक
महाराणा प्रताप की समाधि का जीर्णोद्धार करवाकर सनातन धर्म के प्रचार में लीन हैं। सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी, श्रीमहंत यमुना पुरी सहित अखाड़े के समस्त संतों ने विधि-विधान से उनका अभिषेक किया। वहीं, श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा में नौ संतों को महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की गई।
महामंडलेश्वर की दी गई उपाधि
जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने स्वामी विश्वेश्वर भारती, स्वामी अनंतानंद, आनंदवन भारती, स्वामी बलराम पुरी, आत्मवंदना गिरि, स्वामी विष्णु गिरि, स्वामी ऋषि भारती, विश्वेश्वरी माता, स्वामी वीरेंदर गिरि और मनोरमा गिरि का मंत्रोच्चार के बीच अभिषेक किया गया। महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की।
दो संतों का हुआ पट्टाभिषेक
इस अवसर पर अखाड़े के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि, स्वामी भवानीनंदन यति, स्वामी परमात्मानंद गिरि आदि मौजूद रहे। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में दो संतों का पट्टाभिषेक हुआ। केरल के स्वामी श्री निवासन कार्तिकेयन नारायण और प्रयागराज के स्वामी बालयोगी विन्यानंद गिरि का विधि-विधान से पट्टाभिषेक किया गया।
आनंद अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि, अखाड़ा परिषद व श्री मनसा देवी ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी सहित समस्त संतों ने मंत्रोच्चार के बीच अभिषेक व माल्यार्पण करके महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की। इसी प्रकार श्री निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास के संयोजन में मथुरा के जानकीदास, अहमदाबाद के हनुमान दास और किन्नर जारा कुंवर पेटलाद को महामंडलेश्वर बनाया गया।
समाज के साथ धर्म के प्रति बढ़ी जिम्मेदारी
प्रवक्तानंद पीलीभीत जिला के विकास खंड मरौरी के अंतर्गत मुड़िया रतनपुरी गांव में जन्मे जयदर्थ ने वर्ष 2003 में हरिद्वार में स्वामी अलखानंद से दीक्षा ली। गुरु ने उन्हें प्रवक्तानंद का नाम दिया। तब से विरक्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं। वर्ष 2009 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करके राजनीतिक जीवन में प्रवेश किया।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में बरखेड़ा से विधायक चुने गए। महामंडलेश्वर बनने से पहले सात पीढ़ियों का पिंडदान करके अपना जीवन सनातन धर्म को समर्पित कर दिया। कहते हैं कि सामाजिक जीवन में हमेशा सक्रिय रहा हूं। महामंडलेश्वर बनने के बाद सनातन धर्म के प्रति जिम्मेदारी बढ़ गई है।
सभी को सम्मान अधिकार देने की ध्येय
मतांतरण, लैंड जिहाद, लव जिहाद, नशाखोरी, अशिक्षा की समस्या दूर करने के लिए समर्पित भाव से काम करना है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि समाज में किसी प्रकार की विषमता नहीं होनी चाहिए। हर वर्ग के लोगों को बराबर अधिकार व सम्मान मिले, यही ध्येय है।
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