सपा सांसद रुचि वीरा को हाई कोर्ट से मिली राहत, चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में समन व उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा और उमाकांत गुप्ता को अंतरिम राहत देते हुए मुरादाबाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा जारी समन आदेश और किसी भी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह मामला लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बिना अनुमति जनसभा करने और आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में दर्ज एफआईआर से संबंधित है। कोर्ट ने राज्य सरकार और शिकायतकर्ता से चार सप्ताह में जवाब मांगा है, अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा और उनके समर्थक (याचिकाकर्ता) उमाकांत गुप्ता को अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट मुरादाबाद से जारी समन आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही अगले आदेश तक किसी भी तरह की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर भी रोक लगाई है।
न्यायमूर्ति समित गोपाल ने यह आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार व शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में याचिका पर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई छह अगस्त को होगी।एसीजेएम कोर्ट ने सपा सांसद रुचि वीरा और उमाकांत गुप्ता को समन जारी किया था। उनके खिलाफ लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान छह अप्रैल को मुरादाबाद स्थित सिविल लाइंस थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी।
एफआइआर एफएसटी प्रभारी उमेश कुमार त्रिवेदी ने दर्ज कराई थी। आरोप था कि लोकसभा चुनाव के दौरान सपा प्रत्याशी रुचि वीरा ने बिना अनुमति सिविल लाइंस क्षेत्र के डिप्टीगंज स्थित उमाकांत गुप्ता के घर पर कार्यकर्ताओं के साथ जनसभा की थी। इस जनसभा का वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रचलित हुआ था।
यह एफआइआर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में आइपीसी की धारा 171 एच और 188 के तहत दर्ज की गई थी। दोनों याचीगण की ओर से अधिवक्ता इरशाद अहमद ने पक्ष रखा।

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