RPF की अनूठी पहल, रेलवे पटरी किनारे बसे ग्रामीण बनेंगे रेल सुरक्षा सिपाही, संदिग्धों की देंगे सूचना तो मिलेगा पुरस्कार
मीरजापुर के पास ट्रेन पर पथराव के बाद, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने प्रयागराज-पीडीडीयू रूट पर 'रेल सुरक्षा सिपाही' अभियान शुरू किया है। इसके तहत, ग्रामीणों को रेल पटरी के किनारे संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने के लिए जोड़ा जाएगा। आरपीएफ ग्रामीणों को पुरस्कृत भी करेगी। इस पहल का उद्देश्य रेल हादसों को रोकना और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

संभावित रेल हादसों को टालने के लिए आरपीएफ ग्रामीणों को रेल सुरक्षा सिपाही बनाएगी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। दिल्ली जा रही एक विशेष ट्रेन पर मीरजापुर के पास हुए पथराव की घटना ने भारतीय रेलवे को हाई अलर्ट पर ला दिया है। इस तरह की गंभीर घटनाओं को देखते हुए, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने यात्रियों, ट्रेनों और रेल पटरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।
प्रयागराज-पीडीडीयू रूट पर पथराव व पटरी पर बाधा रोक सकेंगे
अब, प्रयागराज-पीडीडीयू (पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन) रूट पर आरपीएफ एक अनूठा 'रेल सुरक्षा सिपाही' अभियान शुरू कर रही है। इस अभियान के तहत, आरपीएफ इस रूट पर रेल पटरी के किनारे बसे हर गांव में लोगों को 'रेल सुरक्षा सिपाही' के तौर पर जोड़ेगी। यह पहल मुख्य रूप से ग्रामीणों से सीधी मदद मांगने का प्रयास है, ताकि पथराव या पटरी पर किसी भी तरह की बाधा जैसी संदिग्ध गतिविधियों को प्रभावी ढंग से रोका जा सके।
आरपीएफ जवान गांवों में जाकर ग्रामीणों को अभियान से जोड़ेंगे
वरिष्ठ मंडल सुरक्षा अधिकारी विजय प्रकाश पंडित ने इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आरपीएफ के जवान गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क करेंगे और उन्हें इस अभियान से जोड़ेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि संदिग्ध गतिविधि या रेल पटरी पर कोई बाधा दिखते ही तुरंत आरपीएफ को सूचना मिल सके।
आरपीएफ ग्रामीणों को करेगी पुरस्कृत
उन्होंने बताया कि यह एक स्वैच्छिक अभियान होगा, जो राष्ट्रभक्ति की भावना से प्रेरित है और इसके लिए कोई वित्तीय लाभ नहीं दिया जाएगा। हालांकि रेल सुरक्षा में सहयोग देने वाले इन जांबाज ग्रामीणों को आरपीएफ द्वारा विशेष पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
संभावित रेल हादसों को टाला जा सकेगा
अधिकारी ने बताया कि पूर्व में भी इस तरह के अभियानों की मदद से कई संवेदनशील जगहों पर दुर्घटनाओं को सफलतापूर्वक रोका गया है। यह अभियान न केवल संभावित रेल हादसों को टालने में सहायक सिद्ध होगा, बल्कि ग्रामीणों के बीच राष्ट्रहित और सामाजिक सुरक्षा की भावना को भी मजबूती प्रदान करेगा।
असामाजिक तत्वों पर लगाम लग सकेगी
यह पहल रेलवे सुरक्षा में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण कोशिश है। यह उम्मीद की जा रही है कि स्थानीय नागरिकों के सहयोग से ट्रेनों का सफर और भी सुरक्षित हो सकेगा और रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली असामाजिक तत्वों पर प्रभावी रूप से लगाम लगाई जा सकेगी। रेलवे और ग्रामीण अब मिलकर 'रेल सुरक्षा' की इस नई सिपाही टुकड़ी के साथ काम करेंगे।
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