मतांतरण मामले में शुआट्स के कुलपति को SC ने दी अंतरिम जमानत, उत्तर प्रदेश सरकार को जारी किया नोटिस
शीर्ष अदालत ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट लाल की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं कर रहा है जो पिछले साल 31 दिसंबर से हिरासत में है। पीठ ने कहा नोटिस जारी किया जाए। इस बीच हम याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत देते हैं। पीठ ने कहा कि जमानती मुचलके की राशि 25000 रुपये से ज्यादा नहीं होगी। बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध मतांतरण मामले में उत्तर प्रदेश के सैम हिगिनबाटम यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलाजी एंड साइंसेज (शुआट्स) के कुलपति राजेंद्र बिहारी लाल को सोमवार को अंतरिम जमानत दे दी। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने लाल की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट लाल की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं कर रहा है जो पिछले साल 31 दिसंबर से हिरासत में है। पीठ ने कहा, नोटिस जारी किया जाए। इस बीच हम याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत देते हैं। पीठ ने कहा कि जमानती मुचलके की राशि 25,000 रुपये से ज्यादा नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि लाल और अन्य आरोपित करीब 20 देशों से मिलने वाले विदेशी फंड का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर होने वाले मतांतरण मामले के 'मुख्य साजिशकर्ता' हैं।
लाल तथा अन्य आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश गैरकानूनी मतांतरण निषेध कानून के प्रविधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पुलिस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ईसाई धर्म अपनाने के उद्देश्य से लगभग 90 हिंदू हरिहरगंज, फतेहपुर में 'इवेंजेलिकल चर्च आफ इंडिया' में एकत्रित हुए थे। उन्हें इसके लिए उन पर दबाव डाला गया या प्रलोभन दिया गया था।
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