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    Raksha Bandhan 2025 : भद्रा-पंचक का प्रभाव नहीं है, कल दिन भर बांधी जाएगी राखी, आयुष्मान व सौभाग्य योग का बन रहा अद्भुत संयोग

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 05:50 PM (IST)

    Raksha Bandhan 2025 इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है इसलिए 9 अगस्त को पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी। ज्योतिर्विदों के अनुसार पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 1.42 बजे लग चुकी है और 9 अगस्त को दोपहर 1.24 बजे तक रहेगी।उदया तिथि के कारण रक्षाबंधन नौ अगस्त को दिनभर मनाया जाएगा।

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    Raksha Bandhan 2025 ज्योतिर्विदों के अनुसार 9 अगस्त को पूरे दिन राखी का त्योहार मनाया जाएगा।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। बहनें और भाई ध्यान दें, कल रक्षाबंधन पर भद्रा व पंचक का प्रभाव नहीं है। इससे शनिवार 9 अगस्त को दिन भर राखी बांधी जाएगी। इस दिन आयुष्मान और सौभाग्य योग का अद्भुत संयोग है। श्रावण शुक्लपक्ष की पूर्णिमा पर भाई-बहन का आत्मीय स्नेह पर्व रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा।

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    ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार सावन महीने की पूर्णिमा तिथि आठ अगस्त की दाेपहर 1.42 बजे लग चुकी है। वह नौ अगस्त की दोपहर 1.24 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के कारण रक्षाबंधन नौ अगस्त को दिनभर मनाया जाएगा। नौ अगस्त को दोपहर 3.30 बजे तक श्रवण नक्षत्र है। इसके बाद घनिष्ठा नक्षत्र लगेगा। आयुष्मान योग सुबह 5.56 बजे तक है। इसके बाद दिनभर सौभाग्य योग रहेगा। इसमें राखी बांधना अत्यंत कल्याणकारी होता है।

    घर में बनाएं वैदिक राखी

    श्री स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि वेद विद्यालय के प्राचार्य सामवेदाचार्य ब्रजमोहन पांडेय के अनुसार रक्षाबंधन पर्व पर वैदिक राखी का प्रयोग करना शुभ होता है। दूर्वा (घास), अक्षत (चावल), केसर, चंदन और सरसों से वैदिक राखी बनती है। इन पांच वस्तुओं को पीले रंग के रेशमी कपड़े में बांध कर इसे कलावा में पिरोकर वैदिक राखी तैयार की जाती है। वैदिक रीति से तैयार रक्षासूत्र का महत्व और शक्तियां बढ़ जाती हैं।

    राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

    -ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 5.29 से 6.05 बजे तक

    -सर्वोत्तम मुहूर्त : सुबह 6.06 से 8:20 बजे तक

    -विजय मुहूर्त : सुबह 10.47 से मध्याह्न 11.58 बजे तक

    -अभिजीत मुहूर्त मध्याह्न 11.59 से दोपहर 12.53 बजे तक

    राखी बांधते समय इसका रखें ध्यान

    पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार राखी बांधने से पहले पूजा थाली तैयार करना चाहिए। उसमें राखी, अक्षत, रोली, मिठाई और दीपक रखें। इस थाली को सबसे पहले आराध्य अर्पित करके पूजा करना चाहिए। थाली में से पहली राखी भगवान गणेश को बांधना चाहिए। फिर एक स्वच्छ स्थान पर भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बिठाएं। बहन-भाई किसी कपड़े से अपना सिर ढकें।

    राखी बांधते समय तीन गांठ लगाना शुभ

    भाई के माथे पर तिलक और थोड़े अक्षत लगाकर कलाई पर बहनों को राखी बांधना चाहिए। राखी बांधते समय तीन गांठ लगाना शुभ माना जाता है। इस दिन जरूरतमंदों को दान जरूर देना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं अनुसार बहन को पहले राखी बांधनी चाहिए उसके बाद भोजन करना चाहिए।