नीलिमा की लाश सड़ चुकी थी... शव के साथ छोटी बहन ने बिताए पांच दिन पर मौत का पता नहीं चला, प्रयागराज में हैरान करने वाली घटना
प्रयागराज के लूकरगंज मुहल्ले के एक घर से दुर्गंध आने पर पुलिस को 60 वर्षीय महिला का शव मिला। महिला की मौत लगभग पांच दिन पहले हो चुकी थी। उसकी असक्षम छोटी बहन को इस बारे में पता नहीं चला। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार महिला की मौत बीमारी से हुई थी।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रयागराज में हैरान कर देने वाली घटना प्रकाश में आई है। एक असक्षम बहन को पता ही नहीं चला कि उसकी बहन की मौत हो चुकी है और वह अकेले ही शव के साथ रह रही थी। एक दो दिन नहीं पूरे पांच दिन उसने बहन के शव के साथ बिताए। घर से उठती दुर्गंध जब पड़ोसियों की नाक तक पहुंची तो इसका राजफाश हुआ।
शहर के लूकरगंज मुहल्ले की घटना
शहर के लूकरगंज स्थित लाल बिहारी स्कूल के पीछे एक मकान से शुक्रवार शाम दुर्गंध उठने से आसपास रहने वाले लोग परेशान हो गए। मकान पर पहुंचकर दरवाजे पर दस्तक दी तो एक अधेड़ महिला ने दरवाजा खोला और लोगों से बोली कि कोई भीतर मत आना। चले जाओ यहां से। यह सुनकर सभी वापस लौट गए और खुल्दाबाद पुलिस को सूचना दी।
घर में चारपाई पर 60 वर्षीय नीलिमा की पड़ी थी लाश
कुछ देर बाद वहां पहुंची पुलिस ने दरवाजा खुलवाया और जब भीतर दाखिल हुई तो चारपाई पर 60 वर्षीय नीलिमा की लाश देखकर हतप्रभ रह गई। लाश सड़ चुकी थी। पुलिस ने घर में मौजूद अधेड़ महिला के बारे में पता किया तो मालूम हुआ कि वह मृतका की छोटी बहन है, जो कुछ भी समझ पाने में असक्षम है। जांच पड़ताल करते हुए पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
रेलवे कर्मचारी ने बेटे व बेटियों की नहीं की थी शादी
लूकरगंज स्थित लाल बिहारी स्कूल के पीछे रहने वाले मुकुंद बिहारी श्रीवास्तव रेलवे में कर्मचारी थे। उनकी दो पुत्री व एक पुत्र थे। तीनों की उन्होंने शादी नहीं की थी। वर्ष 2007 में पुत्र की मौत हो गई। 2011 में मुकुंद बिहारी का मृत्यु हो गई। इसके बाद उनकी पत्नी को पेंशन मिलने लगी, जिससे घर का खर्च चलने लगा।
पड़ोसियों ने दरवाजा खटखटाया तो बहन उन पर भड़क गई
वर्ष 2018 में मुकुंद बिहारी की पत्नी का निधन हो गया। इसके बाद पेंशन बड़ी बेटी नीलमा को दिया जाने लगा। घर में नीलमा व उसकी छोटी 55 वर्षीया बहन ही थीं। दोनों घर से बाहर नहीं निकलती थीं। आसपास के लोगों से भी कोई मतलब नहीं था। शुक्रवार दोपहर लोगों को मुकुंद बिहारी के घर से तेज दुर्गंध आती हुई महसूस हुई तो उन्होंने दरवाजा खटखटाया। छोटी बेटी ने दरवाजा खोला और लोगों पर भड़क गई। पलभर में सभी वहां से वापस लौट गए और पुलिस को सूचना दी।
नीलिमा की छोटी बहन कुछ भी नहीं समझ पाती है
खुल्दाबाद इंस्पेक्टर सुरेंद्र वर्मा का कहना है कि नीलमा के शव की हालत देखकर यही लग रहा है कि बीमारी से उसकी मौत करीब पांच दिन पहले ही हो चुकी थी। उसकी छोटी बहन कुछ भी समझ पाने में असक्षम है, इसलिए उसे यह पता ही नहीं चला कि उसकी बहन की मौत हो गई है। वह घर में ही शव के पास रहती थी। अगर दुर्गंध न उठती तो किसी को नीलमा की मौत की जानकारी तक नहीं होती।
रिश्तेदारों ने की अंत्येष्टि, पूनम कह रही थी वापस लाओ
शनिवार शाम पोस्टमार्टम के बाद रिश्तेदारों ने नीलिमा के शव की अंत्येष्टि कर दी। अब घर पर सिर्फ़ उस छोटी बहन पूनम ही है, जो घर के भीतर से ही अपनी बड़ी बहन को वापस लाने की बात कह रही है।

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