प्रयागराज में 'राज्य स्तरीय कला उत्सव-2025' का होगा आयोजन, 12 कला विधाओं में दिखेगी प्रतिभा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में शिक्षा को रचनात्मक बनाने के उद्देश्य से 13 अक्टूबर को प्रयागराज में राज्य स्तरीय कला उत्सव-2025 का आयोजन किया जाएगा। 'विकसित भारत 2047' विषय पर आधारित यह उत्सव नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विद्यार्थियों की कला प्रतिभा को मंच देगा। इसमें 18 मंडलों से 429 विद्यार्थी हिस्सा लेंगे, और राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले राष्ट्रीय कला उत्सव में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत सरकार ने इस आयोजन के लिए 14 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं, और कला विधाओं की संख्या 6 से बढ़ाकर 12 कर दी गई है।

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में शिक्षा को रचनात्मक, आनंदमय और समग्र बनाने के उद्देश्य से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में नई शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप विद्यार्थियों की कला प्रतिभा को मंच देने हेतु राज्य स्तरीय कला उत्सव-2025 का आयोजन 13 अक्टूबर को सेंट एन्थोनी कान्वेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज, प्रयागराज में किया जाएगा। इस वर्ष उत्सव का विषय ‘विकसित भारत 2047 के भारत की परिकल्पना’ निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम में 18 मंडलों से चयनित 429 विद्यार्थी हिस्सा लेंगे, जिनमें 289 बालिकाएं, 137 बालक और 3 दिव्यांग विद्यार्थी शामिल हैं। राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त प्रतिभागी राष्ट्रीय कला उत्सव में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
प्रदेश को 14 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप विद्यार्थियों को सिर्फ अकादमिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि कला, संस्कृति और जीवन मूल्यों से जोड़ना भी हमारी प्राथमिकता है। कला उत्सव जैसे आयोजन विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, अभिव्यक्ति और रचनात्मकता का विकास करते हैं। इसी क्रम में समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत आयोजित इस कला उत्सव के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश को कुल 14 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसमें से 9.30 लाख रुपए जनपद व मंडल स्तर पर तथा 4.23 लाख रुपए राज्य स्तरीय आयोजन हेतु प्रयागराज को प्रेषित किए गए हैं।
कला विधाओं की संख्या में की गई वृद्धि
अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा विभाग पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि कला उत्सव वर्ष 2015 से भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल रही है, जिसका उद्देश्य विद्यालयी शिक्षा में कला के माध्यम से विद्यार्थियों की सृजनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में प्रदेश में शिक्षा को अधिक रचनात्मक, सहभागी और आनंदमय बनाने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। इस वर्ष प्रतियोगिता की संरचना में सुधार करते हुए कला विधाओं की संख्या 6 से बढ़ाकर 12 की गई है ताकि एकल एवं समूह दोनों श्रेणियों के प्रतिभागियों को समान अवसर मिल सके। इसमें संगीत (गायन व वादन), नृत्य (शास्त्रीय व लोक), नाटक, दृश्यकला (द्वि-आयामी एवं त्रि-आयामी) और पारंपरिक कहानी वाचन जैसी विधाएं सम्मिलित हैं।
चार चरणों में आयोजित होगा कला उत्सव
कला उत्सव चार चरणों — जिला, मंडल, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। जिला स्तर पर 75 जनपदों के 1852 विद्यालयों (694 राजकीय, 817 सहायता प्राप्त, 334 निजी एवं 7 अन्य) के 10,692 विद्यार्थियों (8231 बालिकाएँ व 2461 बालक) ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। इस चरण में 36 दिव्यांग विद्यार्थियों ने भी भाग लेकर समावेशी शिक्षा की अवधारणा को सशक्त बनाया। मंडल स्तर की प्रतियोगिताएँ 20 सितम्बर 2025 तक संपन्न कराई गईं। राज्य स्तरीय आयोजन में उत्कृष्ट प्रतिभाओं का चयन किया जाएगा, जो राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का गौरव बढ़ाएंगे।
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