प्रयागराज में तीर्थक्षेत्र की बढ़ेगी सीमा, बांध से पांच किलोमीटर तय होगी दूरी; इस सामान की बिक्री पर लगेगी रोक
प्रयागराज में तीर्थराज प्रयाग के तीर्थक्षेत्र का विस्तार होगा। संगम क्षेत्र से 500 मीटर की दूरी को बढ़ाकर 5 किलोमीटर किया जाएगा। अखाड़ा परिषद के प्रस्ताव पर नगर निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी है। तीर्थक्षेत्र में मांस-मदिरा की बिक्री पर रोक लगाने के लिए बोर्ड लगाए जाएंगे और उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। निगम सदन की आगामी बैठक में प्रस्ताव पारित करेगा।

नवंबर-दिसंबर माह में होने वाली सदन की बैठक में पास कराया जाएगा प्रस्ताव
शरद द्विवेदी, प्रयागराज। तीर्थराज प्रयाग के तीर्थक्षेत्र की सीमा बढ़ाई जाएगी। महाकुंभ से पहले संगम क्षेत्र से पांच सौ मीटर की दूरी तीर्थक्षेत्र घोषित हुई थी। इसके अंतर्गत मांस, मछली, मदिरा की बिक्री पर पाबंदी लगाई गई। संतों और सनातन धर्मावलंबी उससे सहमत नहीं थे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का कहना है कि संगम तट से बांध की दूरी दो से तीन किलोमीटर है।
ऐसे में पांच सौ मीटर दूरी को तीर्थक्षेत्र घोषित करने का कोई औचित्य नहीं है। अखाड़ा परिषद ने शासन और नगर निगम को तीथेक्षेत्र की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। नगर निगम ने उसके अनुरूप कार्रवाई शुरू कर दी है।
तीर्थक्षेत्र की दूरी पांच सौ मीटर की जगह पांच किलोमीटर की जाएगी। जो मुहल्ले तीर्थक्षेत्र के अंतर्गत आएंगे नगर निगम वहां बोर्ड लगवाएगा। बोर्ड में मांस-मदिरा की बिक्री न करने का निर्देश होगा। इसका पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निगम की नवंबर-दिसंबर में होने वाली सदन की बैठक में इसका प्रस्ताव पारित करेगा।
महाकुंभ से पहले अक्टूबर-2024 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों की भावनाओं के अनुरूप पहली बार तीर्थक्षेत्र की घोषणा की थी। तब संगम क्षेत्र की शास्त्रीय सीमा (परिक्षेत्र) में मांस-मदिरा की बिक्री रोकने का निर्देश दिया था।
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तय हुआ था कि महाकुंभ का परिक्षेत्र संगम व गंगा-यमुना तट (मेला क्षेत्र) से 500 मीटर दूर माना जाएगा। इसमें कीडगंज, अरैल, झूंसी, दारागंज, अलोपीबाग, मधवापुर, शंकरघाट, रसूलाबाद, शिवकुटी, छतनाग, बलुआघाट, द्रोपदी घाट, फाफामऊ, गोविंदपुर, मुट्ठीगंज, बघाड़ा, सादियाबाद जैसे मुहल्लों को शामिल किया गया। अब उसका क्षेत्रफल बढ़ाया जाएगा।
तीर्थक्षेत्र का नियम कड़ाई से नहीं हुआ लागू
तीर्थक्षेत्र घोषित होने के बावजूद उसके नियम कड़ाई से लागू नहीं किए गए। तीर्थक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मुहल्लों में महाकुंभ के दौरान मांस-मदिरा की बिक्री रुकी थी, लेकिन उसके बाद पुन: शुरू हो गई। उसे रोकने के लिए निगम निगम के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
महाकुंभ से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखाड़ा परिषद की मांग का समर्थन करते हुए तीर्थक्षेत्र की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री के प्रयास और निर्देश से मांस-मदिरा की बिक्री रुकी थी। अब जरूरत है उसकी सीमा बढ़ाने की। साथ ही मांस-मदिरा की बिक्री माघ मास के बाद भी रुकनी चाहिए। तभी तीर्थक्षेत्र का स्वरूप जीवंत हो पाएगा।
महंत हरि गिरि, महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद
देवतुल्य संतों की भावनाओं का सम्मान करते हुए नगर निगम ने तीर्थक्षेत्र की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब घाट से पांच किमोमीटर तक तीर्थक्षेत्र की सीमा रहेगी। नगर निगम की आगामी बैठक में इसका प्रस्ताव पारित होगा। इसके पहले मुहल्लों को चिह्नित कर लिया जाएगा। चिह्नित मुहल्लों में बोर्ड लगवाकर मांस-मदिरा की बिक्री पर कड़ाई से रोक लगाई जाएगी।
-गणेश केसरवानी, महापौर

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