Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रयागराज के सरकारी स्कूलों के शिक्षक गढ़ रहे नए मानक, इनका तरीका कोचिंग संस्थानों को दे रहा टक्कर

    प्रयागराज के सरकारी स्कूलों के शिक्षक शिक्षा व्यवस्था में नया बदलाव ला रहे हैं। वे प्रतिभाशाली छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग देकर आत्मविश्वास और प्रतियोगी भावना बढ़ा रहे हैं। व्हाट्सएप क्विज और ऑनलाइन टेस्ट जैसे आधुनिक तरीकों से वे निजी कोचिंग संस्थानों का विकल्प बन गए हैं। पिछले सत्र में इन शिक्षकों के प्रयास से 495 छात्र राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में सफल हुए।

    By Amlendu Tripathi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 26 Aug 2025 06:25 PM (IST)
    Hero Image
    प्रयागराज के सरकारी स्कूलों के शिक्षक गढ़ रहे नए मानक

    अमलेन्दु त्रिपाठी, प्रयागराज। सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों का समूह अपनी परंपरागत भूमिका से आगे बढ़कर शिक्षा व्यवस्था की नई इबारत लिख रहा है। ये शिक्षक समूह बनाकर प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की राह दिखा रहे हैं। पारंपरिक पढ़ाई के साथ वे बच्चों में आत्मविश्वास, जिज्ञासा और प्रतियोगी भावना जगा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके लिए वे निश्शुल्क अतिरिक्त कक्षाएं चलाते हैं, माडल पेपर तैयार कराते हैं और तकनीक को भी साधन बनाते हैं। व्हाट्सएप क्विज, आनलाइन टेस्ट और सर्वे हर्ट एप जैसे आधुनिक प्रयोगों ने इन्हें निजी कोचिंग संस्थानों का विकल्प बना दिया है। पिछले सत्र में इन शिक्षकों के प्रयास से परिषदीय स्कूलों के 495 विद्यार्थी राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में सफल हुए।

    विद्या ज्ञान, नवोदय प्रवेश परीक्षा, संस्कृत प्रतिभा खोज और इंस्पायर अवार्ड जैसी प्रतियोगिताओं में भी सफलता के नए मानक स्थापित हुए। कभी किताबों तक तरसने वाले बेसिक स्कूलों के बच्चे आज गांव से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं।

    इसके मूल में प्रयागराज में स्थित कंपोजिट विद्यालय सिरसा के सुनील सरोज, उच्च प्राथमिक विद्यालय सिरसा के रामलखन मौर्य, कंपोजिट स्कूल मसिका के शिक्षक अंतरिक्ष शुक्ल, संविलयन विद्यालय चक सिकंदर की डा. रीना मिश्रा, असरावे खुर्द के शिक्षक शत्रुंजय शर्मा, उच्च प्राथमिक विद्यालय हथिगहां के जय सिंह, कंपोजिट स्कूल घाटमपुर के प्रभाशंकर शर्मा, सुजौना के सुनील शुक्ल, चौकठा की प्रतिभा अवस्थी जैसे दो दर्जन शिक्षक हैं। मिशन शिक्षण संवाद, नया सवेरा, मिशन आइडियल स्कूल जैसा समूह इन अध्यापकों ने बना रखा है।

    कंपोजिट विद्यालय रामपुर देवली के सहायक अध्यापक सुनील कुमार सरोज यूं तो 2009 से शिक्षण कर रहे हैं लेकिन पिछले पांच वर्ष से उन्होंने छात्र छात्राओं के लिए कुछ अलग करने का प्रयास किया। कहते हैं प्राथमिक विद्यालय चकिया साथर के कक्षा पांच के बच्चों की अतिरिक्त कक्षाएं लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के योग्य बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

    हिंदी, गणित, रीजनिंग और सामान्य अध्ययन पढ़ाने के साथ अभिभावकों से संवाद कर बच्चों को नवोदय विद्यालय, विद्या ज्ञान व अन्य परीक्षाओं के लिए आवेदन करा रहे हैं। किताबें, माडल पेपर और जरूरी सामग्री खुद उपलब्ध कराते हैं। परिणामस्वरूप बच्चों का मानसिक स्तर बढ़ा वे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने लगे। इससे उत्साहित होकर वे कुछ दूर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय सिरसा प्रतापपुर में भी निश्शुल्क अतिरिक्त कक्षाएं लेने लगे।

    प्रधानाध्यापक रामलखन मौर्य का भी सहयोग मिला। कहते हैं विद्यालय में अवकाश के बाद कक्षा आठ के बच्चों को गणित, विज्ञान की तैयारी कराते हैं। मेधावी बच्चों को विषय शिक्षक की मदद से चयनित करने के साथ यदि कोई अन्य विद्यार्थी भी कक्षाओं में आना चाहता है तो उसे भी अवसर देते हैं।

    परिणाम स्वरूप पिछले सत्र में इस विद्यालय से राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित परीक्षा में 24 विद्यार्थी सफल हुए, जो प्रदेश में एक स्कूल से दूसरी सबसे बड़ी संख्या है।

    इसी प्रयास का नतीजा है कि यहां से निकलने वाले बच्चे न सिर्फ 10वीं-12वीं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक ला रहे हैं, बल्कि नीट और जेईई जैसी कठिन परीक्षाओं में भी सफलता प्राप्त कर रहे हैं। समूह में शामिल सभी शिक्षकों के विद्यालयों से प्रत्येक वर्ष 12 से 15 विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो रहे हैं।

    डिजिटल नवाचार से बदला परीक्षा का माहौल

    कंपोजिट स्कूल मसिका के शिक्षक अंतरिक्ष शुक्ल ने बच्चों को पढ़ाने का तरीका और आधुनिक बनाया। वे अवकाश के दिनों में भी पढ़ाई कराते हैं, हर सप्ताह माडल पेपर हल करवाते हैं और मिशन शिक्षण संवाद की आनलाइन कक्षाओं से बच्चों को जोड़े रखते हैं।

    दैनिक क्विज भी वाट्स्एप ग्रुपों में होता है। इससे बच्चों की विषयगत कमजोरी का पता चलता है और उसे दूर करने के लिए प्रयास करते हैं। बच्चों की तैयारी मजबूत करने के लिए वे सर्वे हर्ट एप का इस्तेमाल करते हैं, जिससे हर रविवार को प्रश्नावली दी जाती है और बच्चे समयबद्ध तरीके से जवाब देते हैं। यह प्रयोग बच्चों को प्रतियोगी माहौल के लिए तैयार कर रहा है।

    495 विद्यार्थियों की बड़ी उपलब्धि

    पिछले सत्र में बेसिक स्कूलों से कुल 495 विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित परीक्षा में सफलता पाई। असरावे खुर्द के शिक्षक व राष्ट्रीय मेंटर शत्रुजंय शर्मा बताते हैं कि जनपद में सफल हुए सभी विद्यार्थियों को इन शिक्षकों ने कक्षाओं में सहयोग दिया। किसी को नियमित कक्षाएं मिलीं तो किसी को एक या दो माह की खास कक्षाएं मिलीं। वहीं, डॉ. रीना मिश्रा की देखरेख में पढ़े छात्र-छात्राओं ने संस्कृत प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में मंडल स्तर तक पुरस्कार जीते हैं।