बारिश-उमस के मौसम में त्वचा पर फफोले पड़ने को नजरअंदाज न करें, इलाज में देरी पर गंभीर हो सकती है बीमारी
प्रयागराज में बारिश और उमस के कारण त्वचा पर फफोले पड़ने और फटने की बीमारी फैल रही है। डाक्टरों के अनुसार शुरुआत में ही दाने निकलें और उनमें सफेदी के साथ पानी भरा होने की समस्या हो तो फौरन अस्पताल में दिखाएं। इलाज में देरी पर समस्या गंभीर हो सकती है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। बारिश व उमस से तापमान में उतार चढ़ाव के बीच त्वचा में फफोले पड़ने और फटने की बीमारी फैल गई है। यह आटो इम्यून है यानी इस तरह की परेशानी रोग प्रतिरोधक सेल के ही शरीर का दुश्मन बन जाने से होती है। दो सप्ताह में विभिन्न अस्पतालों में त्वचा रोग विशेषज्ञों के पास ऐसे 30 से अधिक मरीज आ चुके हैं। हालत गंभीर होने पर भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है।
कई मरीजों के आपरेशन स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में किए गए। बीमारी प्रचंड रूप में आ रही है, इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में आई महिला शिवरानी देवी के पूरे शरीर में छोटे-छोटे फफोले पड़े थे। शुरुआती समय में दाने निकले, उसमें पानी भरा, इसके बाद फफोले फूटने लगे। घर के लोग झाड़ फूंक कराने के बाद हालत गंभीर होने पर महिला को अस्पताल लाए। सत्येंद्र मिश्रा की त्वचा माथे से लेकर पेट तक फफोले से भरी थी।
कई फफोले फूट गए थे उसमें गंदा पानी बह रहा था। ऐसी ही समस्या श्याम सिंह, रजत को रही। दो सप्ताह में एसआरएन अस्पताल में ऐसे 15 मरीज पहुंचे। मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय के त्वचा रोग की ओपीडी में आए मोहम्मद रमजान, संतोष बिहारी और बबलू कुमार की त्वचा पर फफोले बनकर फूट गए थे। शुक्रवार, शनिवार और सोमवार को ऐसे कई मरीज आए। हालांकि उन्हें दवाएं देकर कुछ दिन में राहत मिलने की डाक्टर ने बात कही। ऐसे मरीज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी पहुंच रहे हैं।
क्या कहते हैं डाक्टर
उमस भरी गर्मी के दिनों में त्वचा पर इस तरह की परेशानी दाने-फुंशी का प्रचंड रूप है। शरीर पर फफोले बन रहे हैं और फूट रहे हैं। यह खतरनाक और आटो इम्यून है। दाने निकलें और उनमें सफेदी के साथ पानी भरा होने की समस्या हो तो फौरन अस्पताल में दिखाएं। इलाज में देरी पर समस्या गंभीर हो सकती है। डा. अमित शेखर, विभागाध्यक्ष त्वचा रोग, एसआरएन हास्पिटल
यह रखें सावधानी -गीले कपड़े न पहनें
बारिश में भीग जाएं तो घर पहुंचकर स्नान कर लें -त्वचा को सूखी रखें, सूती कपड़े पहनें -फुल्के वाली बीमारी हो तो झाड़फूंक न कराएं -धूल उड़ने वाली जगह पर जाने से परहेज करें -घर में गीले तौलिये का इस्तेमाल न करें -एक कपड़े को दूसरे दिन न पहनें खानपान के प्रति रहें सचेत -ऐसा कुछ न खाएं जिससे पेट खराब हो जाए -तेल मसाले को जितना हो सके कम करें -घर से बाहर की खुली हुई चीजें न खाएं -दाल का सेवन खूब करें, इसमें प्रोटीन भरपूर होता है -हरी सब्जियों का सेवन करें -बच्चों को स्कूल जाते समय टिफिन घर का ही दें।
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