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    Indian Railway News: प्रयागराज रेल पुलों की सुरक्षा के लिए विशेष अभियान शुरू, CCTV और ड्रोन से निगरानी होगी

    Updated: Fri, 20 Jun 2025 01:43 PM (IST)

    Indian Railway News उत्तर मध्य रेलवे जोन में रेल पुलों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए जलमार्गों की सफाई का अभियान शुरू किया गया है। मानसून के दौरान नदियों में बाढ़ से पुलों को खतरा होता है इसलिए रेलवे बोर्ड ने पुलों के आसपास के मलबे को हटाने और जलमार्गों को साफ करने का निर्देश दिया है। प्रयागराज मंडल के पुलों की निगरानी सीसीटीवी और ड्रोन से की जाएगी।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। मानसून की दस्तक संग रेल पुलों की सुरक्षा की चिंता फिर से गहराने लगी है। पुलों के आस-पास जलधाराओं को विखंडित करने वाले व अवरूद्ध करने वाले मलबे पुल के पिलर को पास से हटेंगे। जल धारा पिलर की ओर आक्रामक न हो इसके लिए जलमार्ग का रास्ता साफ किया जाएगा।

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    उत्तर मध्य रेलवे जोन में गंगा-यमुना, चंबल, सोन, टोंस, धसान नदी, नारायण नदी, सिंध, बेतवा, बगैन, पैसुनी नदी, कुंआरी नदी पर बने 20 बड़े पुल बने हैं। मानसून के दौरान इन नदियों में बाढ़ आती है, जिससे ट्रेनों को पुल से गुजरने के दौरान काशन पर चलाया जाता है।

    लहरों का झटका पिलर पर कम पड़े इसके लिए जरूरी है कि जल मार्ग में कोई अवरोध पिलर के आस-पास न हो। इसके लिए रेलवे बोर्ड एक्जक्टिव डायरेक्टर गति शक्ति विवेक कुमार ने उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक उपेंद्र चंद्र जोशी समेत सभी जोनल महाप्रबंधकों को पत्र जारी किया है। जिसमें पुलों के जलमार्ग, अस्थायी रूप से अवरुद्ध मार्ग को मानसून से पहले साफ करना का अनिवार्य निर्देश दिया गया है।

    रेलवे टीम लिफ्टिंग और लांचिंग के लिए सहायक क्षेत्रों की दृढ़ता और विद्युत प्रतिष्ठानों से दूरी के जोखिम का भी मूल्यांकन करेगी। साथ ही स्टेशन के यार्ड में जल निकासी, मलबा प्रबंधन का निर्देश है।

    दरअसल भौगोलिक स्थितियों में बदलाव के कारण और बाढ़ जैसी स्थिति के बाद अक्सर नदियां गाद छोड़ जाती है और कटान आदि के साथ पुन: मानसून के आने पर जलधारा का मार्ग परिवर्तित होता रहता है। इससे पुलों पर अनावश्यक दबाव न पड़े इसके लिए यह पहल की जा रही है।

    सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी का हो चुका है आदेश

    एनसीआर के साथ पूरे देश में महत्वपूर्ण पुलों की निगरानी करने का निर्देश भी सीसीटीवी और ड्रोन से करने को लेकर जारी हो चुका है। इसमें प्रयागराज मंडल के तीन, आगरा के दो व झांसी मंडल के 15 पुलों को प्राथमिक सूची में रखा गया है। पुल की निगरानी के लिए ड्रोन (यूएएस) का भी उपयोग किया जाएगा।

    तिमाही आधार पर ड्रोन से वीडियो रिकार्डिंग की जाएगी और इसे भारतीय रेलवे जियो वीडियो एप्लीकेशन प्लेटफार्म (आइआरजीवीएपी) पर आइआरपीएसएम के माध्यम से अपलोड किया जाएगा। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (गतिशक्ति/सिविल-द्वितीय) विवेक कुमार कहा कि यह पहल को सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम है।