Prayagraj News : 'पोस्ट वायरल सिंड्रोम' का Viral Fever पीड़ितों पर दुष्प्रभाव, बुखार के बाद थकान-कमजोरी से ऐसे पाएं राहत
प्रयागराज में संक्रामक बुखार से पीड़ित लोगों में कमजोरी की समस्या बढ़ रही है। बुखार के बाद चक्कर आना और कामकाज में परेशानी हो रही है। डाक्टर के अनुसार बुखार में ऊर्जा की कमी पानी की कमी और पोषण की कमी से कमजोरी होती है। नारियल पानी फल और तरल भोजन का सेवन करना चाहिए। आराम करना और दवा लेना जरूरी है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। संक्रामक बुखार से पीड़ित लोगों पर 'पोस्ट वायरल सिंड्रोम' का दुष्प्रभाव अधिक पड़ रहा है। बुखार के बाद जिस तरह से कमजोरी, सुस्ती और बार-बार चक्कर आने की समस्या बढ़ रही है, इस कष्टकारी स्थिति में अनुचित खानपान हालत को और बिगाड़ सकता है। प्रभावित लोगों के कामकाज पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। डाक्टरों के संपर्क में ऐसे बीमार बड़ी संख्या में हैं जिन्हें बिस्तर से उठकर स्वयं चलने में परिवार का सहारा लेना पड़ रहा है। आशंका है कि बीमारी की यह लहर सितंबर तक रहेगी।
प्रयागराज शहर के मुंडेरा में पोंगहट पुल के पास रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मुकेश कुमार को 15 अगस्त को बुखार हुआ था। दवा इलाज के बाद 20 तारीख से बुखार तो नहीं आ रहा है लेकिन पूरा शरीर लस्त है। बिस्तर से उठते हैं तो चक्कर आने लगता है। खांसी लगातार आ रही है।
प्रीतमनगर में दुर्गापूजा पार्क के पास दुकानदार हरिशंकर श्रीवास्तव के घर में पहले पत्नी को, बाद में उन्हें बुखार हुआ। चार दिनों तक बुखार रहने के बाद अब शरीर में इतनी कमजोरी है कि घर से कहीं जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। डाक्टर ने दवा बंद कर दी है केवल आराम करने के लिए कहा है। कामकाज प्रभावित हो गया है।
इसी तरह से झृलेलाल नगर (लूकरगंज) में रहने वाली शालिनी श्रीवास्तव को बुखार हुए पांच दिन बीत गए हैं। कमजोरी पीछा नहीं छोड़ रही है और कुछ देर पैदल चल लेती हैं तो चक्कर आने लगता है।
यह जरूर जानें
10 दिनों तक रह सकती है बुखार के बाद कमजोरी
08 घंटे की गहरी नींद से दूर होती है कमजोरी
02 बार आए चक्कर तो जरूर लें डाक्टर का परामर्श
06 दिनों से ज्यादा आए खांसी तो इलाज जरूर कराएं
02 बार गुनगुने पानी का गरारा होगा लाभदायक
03 समय भोजन करें और आहार पौष्टिक रहे
05 दिनों तक रहेगा बुखार तो कमजोरी से न घबराएं
06 दिनों तक आराम करेंगे तो कमजोरी से मिलेगा छुटकारा
इसलिए हो रही समस्या
-बुखार में संक्रमण से बचे रहने के लिए एनर्जी यानी ऊर्जा अधिक खर्च होती है। बुखार पर ठीक हो जाता है तब ऊर्जा की कमी के चलते कमजोरी आती है।
-बुखार रहता है तब पसीना अधिक निकलने से शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है। इलेक्ट्रोलाइट की कमी के चलते कमजोरी आती है।
-बुखार के चलते भूख कम हो जाती है। शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता इसके चलते आंतरिक ताकत कम होने लगती है।
जल्द राहत पहुंचाएंगे यह खानपान
-नारियल पानी पिएं, इसमें इलेक्ट्राेलाइट भरपूर मिलता है।
-मौसम्मी या संतरे का रस विटामिन 'सी' की भरपाई करता है।
-फल प्राकृतिक शुगर और फाइवर से भरपूर होते हैं, इनका सेवन करें।
-भोजन तरल ही करें, दाल या पतली खिचड़ी खाई जा सकती है।
-बुखार या कमजोरी के दिनों में गेहूं के आटे की रोटी से परहेज करें।
-पानी उबालने के बाद ठंडा करके पिएं।
-हरी पत्तेदार सब्जियों में कैल्शियम, आयरन, फाइवर खूब मिलता है।
-खांसी आ रही है तो तुलसी, अदरक गिलोय युक्त काढ़ा पिएं।
फिजीशियन की सलाह
एसआरएन अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा. मनोज माथुर का कहना है कि बुखार साधारण हो या संक्रामक, इसमें नियमित दवा और आराम जरूरी है। बुखार के दौरान मेहनत वाले काम करने से कमजोरी आती है क्योंकि शरीर की ऊर्जा का दो दोहरा खर्च होता है। कमजोरी से घबराएं नहीं, यह शरीर का सामान्य स्वभाव है।
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