प्रयागराज का ये ग्राम पंचायत अब बनेगा नगर पंचायत, खत्म होगा 11 राजस्व गांवों का अस्तित्व
प्रयागराज के करछना ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव में 11 गांवों को शामिल किया गया है जिनकी आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 28 हजार से अधिक है। प्रशासन का दावा है कि यहाँ कृषि पर निर्भरता कम है पर कुछ स्थानीय लोगों का मानना है कि इससे टैक्स का बोझ बढ़ेगा और गांवों का अस्तित्व खतरे में आएगा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। ग्राम पंचायत करछना को अब नगर पंचायत बनाया जा सकता है। तहसील प्रशासन ने इसका प्रस्ताव बनाकर जिलाधिकारी को भेज दिया है। नगर पंचायत में कुल 11 राजस्व गांवों को शामिल किया गया है।
करछना गांव को नगर पंचायत घोषित किया जा सकता है। इस संदर्भ में उपजिलाधिकारी करछना के यहां से जिलाधिकारी प्रयागराज को प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है। एसडीएम की ओर से भेजे गए पत्र में बताया गया है कि करछना और उसके आसपास बसे गांव हिंदूपुर,फत्तेपुर, बसरिया,चनैनी,भरहा,थरी, मुंगारी,कपठुआ,रामपुर तालुका मुंगारी, हरदुआ की कुल आबादी जनगणना 2011 के मुताबिक 28 हजार से ज्यादा है।
पत्र में दावा किया गया है कि इन गांवों की 75 फ़ीसदी से अधिक आबादी कृषि के अलावा अन्य साधनों, व्यवसाय और नौकरी पर आश्रित है। संस्तुति रिपोर्ट पर क्षेत्रीय लेखपाल बैजनाथ त्रिपाठी, अवनेद्र कुमार, सतीश कुमार यादव और कानूनगो विनोद कुमार ने हस्ताक्षर किया है।
तहसीलदार करछना डा. बृजेश कुमार और एसडीएम आईएएस भारती मीणा ने प्रस्ताव को जिलाधिकारी प्रयागराज के यहां भेज दिया है। वहीं पूरे मामले में स्थानीय नेताओं ने सरकार और प्रशासन के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि नगर पंचायत बनने से करछना क्षेत्र का ज्यादा विकास हो पाएगा। करछना तहसील क्षेत्र में एक भी नगर पंचायत और नगर पालिका नहीं होने से स्थानीय नेता इसे अपनी उपलब्धि भी बता रहे हैं।
नगर पंचायत के खिलाफ उठने लगी आवाज
कपठुआ प्रधान मोहम्मद एहतेशाम ने कहा कि करछना को नगर पंचायत बनाया जाता है तो कुल ग्यारह गांवों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। रामपुर प्रधान प्रवीणा द्विवेदी का कहना है कि नगर पंचायत बनने से हाउस टैक्स, पानी टैक्स, मकान निर्माण में नक्शा बनवाना और अन्य प्रकार के बोझ तले आम जनता दब जाएगी।
करछना नगर पंचायत में जिन गांवों को शामिल किया गया है, वह आज भी नब्बे फ़ीसदी कृषि पर निर्भर हैं। कई गांव ऐसे हैं जहां आज तक एक ढंग का बाजार तक नहीं बन सका है। ऐसे में नगर पंचायत बनने से इन गांव का विकास हो या न हो लेकिन टैक्स का बोझ जरूर लग जाएगा।
चनैनी प्रधान धीतेश तिवारी धीरू ने कहा की वर्ष 2011 जनगणना के अनुसार आबादी 28 हजार से ज्यादा दिखाकर 11 गांवों को नगर पंचायत में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है। जबकि वर्तमान समय में यह आबादी तीन गुना से ज्यादा हो चुकी है। ऐसे में 11 राजस्व गांव का अस्तित्व खत्म करना भी उचित प्रतीत नहीं हो रहा है।
करछना गांव को नगर पंचायत बनाने का प्रस्ताव पूर्व में भेजा गया था, लेकिन त्रुटि के कारण दोबारा इस प्रक्रिया को पूरा किया गया है। नगर पंचायत बनेगा या नहीं, यह निर्णय शासन की ओर से लिया जाएगा। उच्चाधिकारियों की ओर से मांगे गए प्रस्ताव के क्रम में अनुमोदन हेतु प्रस्ताव भेज दिया गया है। कुल 11 गांवों को शामिल किया गया है।
भारती मीणा आईएएस, एसडीएम, करछना
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