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    फील्ड मार्शल पद पर दें नौकरी… आदेश पढ़ते ही अधिकारियों के उड़ गए होश, कर्मचारियों में मची खलबली

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 05:02 AM (IST)

    प्रतापगढ़ में छावनी परिषद को राष्ट्रपति के नाम से एक फर्जी आदेश मिला जिसमें राजू कुमार नामक व्यक्ति को फील्ड मार्शल के पद पर नौकरी देने का दबाव डाला गया। पत्र पटना से भेजा गया था और इसमें राष्ट्रपति की फर्जी मुहर लगी थी। अधिकारियों ने कैंट थाने में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    छावनी परिषद को राष्ट्रपति का फर्जी आदेश, फील्ड मार्शल पद पर दें नौकरी

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। छावनी परिषद में सोमवार दोपहर उस वक्त खलबली मच गई, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम का एक फर्जी आदेश यहां पहुंचा। स्पीड पोस्ट से भेजे गए पत्र में लिखा गया था कि प्रतापगढ़ निवासी राजू कुमार स्नातक व डिप्लोमाधारी है।

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    लिहाजा उसे फील्ड मार्शल के पद पर नौकरी दें। राजू को नौकरी दिलाने के लिए भेजे गए पत्र में भारत के राष्ट्रपति की फर्जी मुहर भी लगाई गई थी और कूटरचित हस्ताक्षर भी किया गया था। फिलहाल, छावनी परिषद की ओर से कैंट थाने में शिकायत दी गई है।

    छावनी परिषद में सोमवार दोपहर करीब तीन बजे स्पीड पोस्ट के जरिए एक पत्र आया। लिपिक ने लिफाफा खोला तो पत्र देखकर हतप्रभ रह गया। इसमें छावनी परिषद प्रयागराज को नौकरी देने के संबंध में आदेश निर्गत किया गया था।

    मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो खलबली मच गई। उसे पढ़कर ही समझ लिया गया आदेश फर्जी है और ऐसा कोई न तो पद है और न नियम।

    पत्र में लिखा था कि ‘आवेदनकर्ता राजू कुमार पटेल पुत्र बाबू लाल निवासी ग्राम हनुमानपुर पोस्ट दखवापुर, जिला प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश भारत-230143 का मूल निवासी है। वह स्नातक एवं डिप्लोमाधारी है। अतः आवेदक को नियुक्ति पत्र प्रेषित कर उसे फील्ड मार्शल के पद पर नियुक्त करने की कृपा करें’।

    छावनी परिषद के अधिकारियों ने अपने स्तर पर जांच की तो पता चला कि स्पीड पोस्ट बिहार के दानापुर पटना से स्पीड पोस्ट भेजा गया है। तब जांच और कार्रवाई के लिए कैंट थाने में शिकायत दी गई।

    छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी समीर इस्लाम का कहना है कि मामला बहुत ही गंभीर है। राष्ट्रपति के नाम से किसने मुहर बनवाकर फर्जी निर्देश जारी करने की हिम्मत की, इसकी जांच और सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

    मामले की शिकायत कैंट थाने में की गई है। उधर, इंस्पेक्टर कैंट सुनील कुमार का कहना है कि अभी तहरीर नहीं मिली है।