UP News: प्रैक्टिस कर रहे 12 अधिवक्ताओं के यूपी बोर्ड के प्रमाणपत्र फर्जी, बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश करा रही शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बार काउंसिल ऑफ UP अधिवक्ताओं के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन करा रही है। सत्यापन में 12 अधिवक्ताओं के अंकपत्र फर्जी पाए गए। साढ़े चार लाख अधिवक्ताओं के अभिलेखों का सत्यापन किया जा रहा है। 2002 के बाद के रिकॉर्ड ऑनलाइन होने के कारण बार काउंसिल को वापस भेजे गए। अभी सत्यापन कार्य बाकी है इसलिए फर्जी अभिलेख मिलने का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है।

अवधेश पाण्डेय, जागरण प्रयागराज। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश अपने यहां पंजीकृत उन अधिवक्ताओं के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन करा रही है, जो विभिन्न अदालतों में प्रैक्टिस कर रहे हैं। अब तक किए गए सत्यापन में 12 अधिवक्ताओं के अभिलेख यूपी बोर्ड के रिकार्ड में नहीं मिले। यानी उनके अंकपत्र/प्रमाणपत्र फर्जी हैं।
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में पंजीकृत करीब साढ़े चार लाख अधिवक्ताओं में से उनके शैक्षिक अभिलेख संबंधित संस्थाओं को सत्यापन के लिए भेजे गए हैं, जिन्होंने प्रैक्टिस करने के संबंध में काउंसिल में आवेदन किए हैं। यूपी बोर्ड में सत्यापन के लिए सवा दो लाख अंकपत्र/प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए अब तक मिले हैं।
सत्यापन के लिए काउंसिल ने अंकपत्र/प्रमाणपत्रों के छोटे-छोटे पैकेट बनाकर गाड़ियों में भरकर यूपी बोर्ड मुख्यालय के अभिलेख अनुभाग में अलग-अलग दिनों में पहुंचाए हैं। यह क्रम अब भी चल रहा है। इसी तरह उच्च शिक्षा के अभिलेखों को सत्यापन के लिए संबंधित विश्वविद्यालयों को भेजा गया है। यूपी बोर्ड में सत्यापन के लिए उपलब्ध कराए गए अभिलेखों को वर्ष वार और जनपदवार अलग-अलग कराया गया।
इसमें करीब 47,000 हजार अंकपत्र/प्रमाणपत्र वर्ष 1984 या इसके पहले के हैं, जिसके टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) बोर्ड मुख्यालय में हैं। इनका सत्यापन बोर्ड मुख्यालय में किया जा रहा है। टीआर में विद्यार्थियों का संपूर्ण विवरण अंकित रहता है। 1984 के बाद के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं से संबंधित टीआर क्षेत्रीय कार्यालयों प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, बरेली और मेरठ में हैं।
ऐसे में 1984 के बाद के अभिलेखों को सत्यापन के लिए बोर्ड ने संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय में भेजवाया है। सत्यापन कार्य के लिए बोर्ड सचिव भगवती सिंह के निर्देश पर टीम बनाई गई है। इसकी मानीटरिंग के लिए उपसचिव की ड्यूटी लगाई गई है। प्रैक्टिस कर रहे लखनऊ सहित अन्य जिलों में कुछ अधिवक्ताओं के शैक्षिक अभिलेख फर्जी पाए जाने के कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह सत्यापन कराया जा रहा है। अभी सत्यापन कार्य आधे से ज्यादा बकी है, इसलिए फर्जी अभिलेख मिलने का आंकड़ा और बढ़ेगा।
2002 के बाद के 59,000 प्रकरण ऑनलाइन सत्यापन के लिए वापस भेजे
बार काउंसिल ने सत्यापन के लिए यूपी बोर्ड को जो अभिलेख भेजे हैं, उनमें करीब 59,000 प्रकरण वर्ष 2002 की परीक्षा के बाद के हैं। चूंकि 2002 के बाद के रिकार्ड ऑनलाइन हैं, इसलिए बोर्ड ने इन प्रकरणों को लौटाकर ऑनलाइन सत्यापन करने के लिए बार काउंसिल को लिखा है।
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