28 वर्षों बाद प्रयागराज में शामिल होंगे कौशांबी के 10 गांव, 16000 लोगों का बदलेगा पता, इन्हें वर्ष 1997 में अलग हुए थे
लगभग 28 साल बाद, कौशांबी के 10 गांव प्रयागराज में फिर से शामिल होंगे, जिससे लगभग 16,000 लोगों के पते बदल जाएंगे। इन गांवों को 1997 में कौशांबी जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था। ग्रामीणों की मांग पर, प्रयागराज जिला प्रशासन ने इन गांवों को वापस शामिल करने का फैसला किया है। इससे इन क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति मिलेगी और निवासियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। कौशांबी से प्रयागराज में शामिल होने वाले इन गांवों के लोगों को अब प्रयागराज की योजनाओं का लाभ मिलेगा।

वर्ष 1997 में कौशांबी जनपद बनने के बाद प्रयागराज के 10 गांव उधर शामिल हुए थे, अब ये वापस यहां शामिल किए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। कौशांबी के 10 राजस्व गांवों को प्रयागराज जनपद में शामिल किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कराकर राजस्व परिषद को भेजा जाएगा। इससे इन गांवों के 15 हजार आठ सौ 30 लोगों का पता बदल जाएगा। इन 10 राजस्व गांवों के शामिल होने पर प्रयागराज जनपद में अब कुल 2646 राजस्व गांव हो जाएंगे। अभी तक जिले में राजस्व गांव थे। वहीं प्रयागराज में अभी 1540 ग्राम पंचायत हैं जिनकी संख्या भी बढ़ जाएगी।
नया जिला बनने पर कौशांबी में शामिल हुए थे गांव
वर्ष 1997 में चार अप्रैल को प्रयागराज से अलग कर कौशांबी को नया जिला बनाया गया था। तब कई गांव ऐसे थे जो प्रयागराज शहर के बिल्कुल पास में थे और कौशांबी जिले में शामिल कर लिए गए थे। लगभग 28 वर्षों तक इन गांवों के लोग प्रयागराज में शामिल किए जाने की मांग उठाते रहे हैं।
खास-खास-
-28 वर्षों बाद इन गांवों की घर वापसी, 1997 में नए जनपद कौशांबी में गए थे ये गांव
-02 गांव प्रयागराज के अब नहीं शामिल होंगे कौशांबी जिले में, ग्रामीणों ने किया विरोध
बिलासपुर के लोगों ने जिला बदलने से इंकार किया था
इस पर शासन स्तर से कदम उठाए गए और राजस्व परिषद की ओर से मंडलायुक्त व दोनों जिलों के डीएम से निर्णय लेने को कहा गया। प्रस्ताव के मुताबिक कौशांबी के 11 राजस्व गांवों को फिर से प्रयागराज में शामिल करना था मगर बिलासपुर गांव के लोग कौशांबी में ही रहने की इच्छा जताई। इस गांव के लोगों ने प्रयागराज में जाने से इन्कार कर दिया। इस पर अब कौशांबी के 10 राजस्व गांवों को प्रयागराज में शामिल करने का प्रस्ताव राजस्व परिषद को भेजा जाएगा।
मंडलायुक्त ने ग्रामीणों से की थी बात
शुक्रवार को मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल, आइजी अजय कुमार मिश्र, प्रयागराज के डीएम मनीष कुमार वर्मा, कौशांबी के डीएम अमित पाल शर्मा व एसडीएम सदर अभिषेक कुमार सिंह दोनों गांव में जाकर ग्रामीणों से बात की थी, जिस पर गांव के लोगों ने आपत्ति जताई थी। एडीएम नजूल व मुख्य राजस्व अधिकारी संजय कुमार पांडेय ने बताया कि कौशांबी के 10 गांवों को प्रयागराज में शामिल करने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। अब राजस्व परिषद को पत्र भेजा जाएगा।
ये राजस्व गांव शामिल होंगे प्रयागराज में
कौशांबी में चायल तहसील के जलालपुर भर्ती उपरहार, जलालपुर भर्ती कछार, बसंतपुर उपरहार, बसंतपुर कछार, भोपतपुर उपरहार, भोपतपुर कछार, पंसारा, गयासुद्दीनपुर कछार, उमरपुर नीवां कछार, खानपुर सतवां प्रयागराज के सदर तहसील में शामिल होंगे।
प्रयागराज के सदर तहसील के उजिहिनी आइमा व चंद्रसेन गांव कौशांबी में नहीं जाएंगे। इस पर निर्णय हो गया। दोनों गांवों के लोगों ने इसका विरोध किया था।
जिस ग्राम पंचायत से गए थे, उसमें ही होंगे शामिल
कौशांबी के जो 10 राजस्व गांव प्रयागराज में शामिल होंगे, उनको उन्हीं ग्राम पंचायतों में रखा जाएगा, जहां वे वर्ष 1997 के पहले थे। उदाहरण के तौर पर उमरपुर नीवां उपरहार में उमरपुर नीवां कछार था, जब नया जनपद कौशांबी बना तो उमरपुर नीवां कछार वहां चला गया था, जबकि उमरपुर नीवां उपरहार प्रयागराज में रहा। अब उमरपुर नीवां कछार राजस्व गांव को उमरपुर नीवां उपरहार ग्राम पंचायत में रखा जाएगा।
तेजी से होंगे विकास कार्य, जिला मुख्यालय भी होगा पास
कौशांबी के 10 राजस्व बिल्कुल ही प्रयागराज शहर के पास में हैं। प्रयागराज में शामिल होने पर इन गांवों में तेजी से विकास कार्य कराए जा सकेंगे। यही नहीं शहर से पास होने के चलते अधिकारी भी विकास कार्यों की सतत निगरानी कर सकेंगे। इसके अलावा ब्लाक, तहसील व जिला मुख्यालय भी इन गांवों के पास में हो जाएंगे। पहले इन गांवों का जिला मुख्यालय लगभग 40 किमी तो अब 12 किमी दूर होगा।
उजिहिनी गांव का थाना भी बदलेगा
प्रयागराज के उजिहिनी गांव का थाना बदल जाएगा। पहले यह राजस्व गांव प्रशासनिक तौर पर प्रयागराज में था जबकि इसका थाना कौशांबी जिले का था। अब यह गांव पूरामुफ्ती थाने में होगा।
क्या बोले जिलाधिकारी
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा का कहना हे कि कौशांबी के 10 राजस्व गांवों को प्रयागराज जनपद में शामिल करने की सहमति बन गई है। सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन गांवों को प्रयागराज में शामिल कर लिया जाएगा।

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